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________________ (वसुनन्दि-श्रावकाचार (१२) आचार्य वसुनन्दि हों, कर्ममल से रहित हों, कृतकृत्य हों, समस्त पदार्थों को एक साथ जानने-देखने वाले हों, तीनों लोकों के प्राणियों का हित करने वाले हों, तथा आदि, मध्य एवं अन्त से रहित हों वे सच्चे देव हैं, हितोपदेशी और सर्वज्ञ हैं । १ ऐसे सच्चे देव के द्वारा कहे गये वचन, जो वादी प्रतिवादी से खण्डन होने वाले नहीं हों, प्रत्यक्ष- अनुमान आदि विरोध से रहित हों, वस्तु स्वरूप का उपदेश करने वाले हों, सब जीवों का कल्याण करने वाले हों तथा मिथ्यामार्ग का खण्डन करने वाले हों, आगम (शास्त्र) कहलाते हैं । २ आचार्य माणिक्य नन्दी लिखते हैं- “आप्तवचनादि निबन्धनमर्थज्ञानमागमः।’३ अर्थात् आप्त के वचन तथा अंगुलि संज्ञा आदि से होने वाले अर्थ (तात्पर्य) ज्ञान को आगम (आगम प्रमाण) कहते हैं। - जीव, अजीव, आस्रव, बन्ध, संवर, निर्जरा और मोक्ष ये सात तत्त्व हैं। ये तत्त्व सात ही होते हैं, कम या अधिक नहीं। इनका विशेष उल्लेख स्वयं आचार्य श्री वसुनन्दि. आगे ग्रन्थ में कर रहे हैं । । ७ ।। अठारह दोषों से रहित आप्त हैं ।।८।। छुह - तहा - भयदोसो, राओ मोहो- जरा रुजा - 1 - चिंता । मिच्चू' - खेओ - सेओ - अरइ-मओ- विम्हओ - जम्म णिद्दा तहा विसाओ दोसा एएहिं वज्जिओ अत्ता । वयणं तस्स पमाणं संतत्थ - परूवयं जम्हा ।। ९ ।। १. ३. ५. अन्वयार्थ — (छुह - तण्हा भय- -दोसो) क्षुधा, तृषा, भय, द्वेष, (राओ मोहो जरा रुजा चिंता) राग, मोह, जरा (बुढ़ापा), रुजा (रोग), चिंता, (मिच्चू - खेओ-सेओअरइ-मओ - विम्हओ - जम्मं ) मृत्यु, खेद, स्वेद ( पसीना ), अरति, मद, विस्मय (आश्चर्य), जन्म, (णिद्दा तहा विसाओ ) निद्रा और विषाद (ये), (दोसा) (अठारह) दोष हैं, (एएहिं वज्जिओ अत्ता) इनसे रहित आप्त कहलाता है। (तथा), (तस्स वयणं पमाणं) उसी आप्त के वचन प्रमाण हैं, (जम्हा) क्योंकि (वे), (संतत्य परूवयं) विद्यमान अर्थ के प्ररूपक हैं । । ८-९ ।। अर्थ - क्षुधा, तृष, भय, द्वेष, राग, मोह, जरा, रोग, चिन्ता, मृत्यु, खेद, स्वेद, - ० श्रा० श्लो० ७. परीक्षामुख, तृ० प० सू० ९५. द. मिच्चुस्सेओखेओ. २. ४. ६. श्रा० श्लो. १. ध. तम्हा. ध. सुत्तत्य. ~
SR No.002269
Book TitleVasnunandi Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSunilsagar, Bhagchandra Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages466
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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