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.. दानफल-वर्णन १३८. दानफल कहने की प्रतिज्ञा १३९, उत्तम पात्र को दिए गए दान का फल १४०. कुपात्र में दिए गए दान का फल
२४१ १४१. अपात्र में दिए गए दान का फल १४२. अपात्र विशेष में दिए गए दान का फल दुःखदायी २४३ १४३. दान का फल विस्तार से कहने की प्रतिज्ञा २४४ १४४. उत्तम पात्र में मिथ्यादृष्टि द्वारा दिए गए दान का फल २४५ १४५. मध्यम पात्र में मिथ्यादृष्टि के दान का फल १४६. जघन्य पात्र में मिथ्यादृष्टि के दान का फल २४७ १४७. कुपांत्र में मिथ्यादृष्टि के दान का फल २४८ १४८. बद्धायुष्क मनुष्य भोगभूमियाँ होते हैं १४९. भोगभूमि में कल्पवृक्ष सुख सामग्री देते है
२५० १५०. दस प्रकार के कल्पवृक्षों के नाम १५१. मधांगं कल्पवृक्ष ..
२५२ १५२. तूर्यांग-भूषणांग जाति के कल्पवृक्ष
२५३ १५३. ज्योतिरंग-गृहांग जाति के कल्पवृक्ष १५४. भाजनांग और दीपांग जाति के कल्पवृक्ष २५५ १५५. वस्त्रांग और भोजनांग जाति के कल्पवृक्ष १५६. मालांग जाति के कल्पवृक्ष
२५७ १५७: उत्तम भोग भूमिया मनुष्यों की कान्ति ऊँचाई और २५८
आयु १५८. मध्यम भोग भूमियाँ मनुष्यों की ऊँचाई आयु और २५९ ।।
कान्ति १५९. जघन्य भोगभूमियाँ मनुष्यों की ऊँचाई आयु और २६०
कान्ति १६०. कुभोग भूमियाँ मनुष्यों की आयु आदि वर्णन २६१ १६१. भोग भूमियों में यौवन प्राप्त होने का काल
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