________________
३४ . .
.
४
२०. अर्थपर्याय एवं व्यंजनपर्याय का स्वरूप २१. जीव और पुद्गल का परिणामित्व २२. अपरिणामी द्रव्य २३. जीवत्व एवं मूर्तत्व गुण वाले द्रव्य २४. सप्रदेशी एवं अप्रदेशी द्रव्य २५. एक रूप तथा अनेक रूप द्रव्य २६. क्षेत्रवान् द्रव्य
क्रियावान् द्रव्य २८. नित्य-अनित्य और परिणामी द्रव्य २९. कारण भूत द्रव्य ३०. जीव द्रव्य कर्मों का कर्ता-भोक्ता ३१. सर्वगत द्रव्य ३२. द्रव्यों का अप्रवेशी स्वभाव ३३. उपरोक्त सन्दर्भ में गाथा ३४. आश्रव के कारण ३५. शुभ और अशुभ आश्रव के कारण ३६. बंध तत्त्व का लक्षण एवं भेद ३७. संवर तत्त्व का लक्षण एवं भेद ३८. निर्जरा तत्त्व का लक्षण एवं भेद. ३९. मोक्ष का लक्षण ४०. पदार्थों को जानने के उपाय
सम्यग्दर्शन का वर्णन ४१. सम्यग्दृष्टि कौन? ४२. सम्यग्दर्शन के आठ अंगों का वर्णन ४३. सम्यग्दर्शन के आठ गुण ४४. अष्टगुणधारी जीव सम्यग्दृष्टि है ४५. कर्मनिर्जरा का कारण सम्यग्दर्शन
.४३
५१
. ६५