SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 105
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषय-सूची क्र० विषय गाथा संख्या पृष्ठसंख्या १. मंगलाचरण और श्रावकधर्म प्ररूपण करने की प्रतिज्ञा २. उपदेश सुनने की प्रेरणा ३. . देशव्रत की ग्यारह प्रतिमा ४. सम्यग्दर्शन कहने की प्रतिज्ञा ५. सम्यग्दर्शन का स्वरूप ६. आप्त-आगम और पदार्थों का निरूपण ७. अठारह दोषों से रहित आप्त हैं ८. सात तत्त्वों पर श्रद्धान करना सम्यग्दर्शन है जीव तत्त्व का वर्णन ९. जीव के सिद्ध और संसारी दो भेद १०. संसारी-जीवों के दो भेद ११. स्थावर जीवों के भेद १२. उस जीवों के भेद १३. जीवों की जानकारी के सम्बन्ध में विशेष सूचना १५ ... अजीव तत्त्व वर्णन १४: अजीव द्रव्य के भेद १६-१७ १५. पुद्गल द्रव्य के छह भेद और दृष्टान्त १६. अरूपी अजीव द्रव्य १७. काल द्रव्यं के भेद २०-२१ १८. द्रव्यों के परिणामित्व आदि गुण १९. द्रव्यों के गुणों का स्पष्टीकरण १८ .१९ २३-२४
SR No.002269
Book TitleVasnunandi Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSunilsagar, Bhagchandra Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages466
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy