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________________ आसोज सुदि दशमी को मालव प्रान्तीय त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के प्रतिनिधियों का सम्मेलन इन्दौर निवासी सेठ श्री धनराजजी पारख की अध्यक्षता में एवं परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पति जैनाचार्य श्रीमद्विजय यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में हुआ। सम्मेलन के स्वगताध्यक्ष के नाते श्री मांगीलालजी सा. छाजेड़ के पूज्य आचार्य श्री के एवं मुनि मंडल के श्री चरणों में वन्दन करते हुए आगन्तुक श्रीसंघ के प्रतिनिधियों को जय जिनेन्द्र करते हुए आने वाली भावी पीड़ियों में धर्म के संस्कार डालने के लिए प्रभावशाली भाषण दिया। पूज्यपाद मुनिराज श्री विद्याविजयजी म.सा. ने श्री. मोहनखेड़ा तीर्थ में एक गुरुकुल स्थापना करने की रूपरेखा रखी। आए हुए सभी महानुभावों ने सर्वानुमति से यह निर्णय किया कि श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेतांबर गुरुकुल स्थापित करने के लिए सेठ : श्री धनराजजी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया एवं श्री मांगीलालजी छाजेड को संयोजक बनाकर गुरुकुल के विधान आदि नियमों को बनाने की जिम्मेदारी दी। सं. २०१३ आषाढ़ सुदि ६ को राजगढ़ नगर में आदिनाथ राजेन्द्र जैन गुरुकुल की स्थापना कर गुरुकुल को प्रारंभ किया। परम पूज्य आचार्य श्रीमद्विजय यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का चार्तुमास खाचरौद में था। पूज्य आचार्य श्री की निश्रा में एवं सेठ श्री इन्दरमलजी टेकाजी की अध्यक्षता में अखिल भारतीय त्रिस्तुतिक श्री संघ का प्रतिनिधि सम्मेलन हुआ, जिसमें परम पूज्य कृपालु गरुदेव भगवत श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. का दिवंगत अर्द्ध शताब्दी महोत्सव की रूपरेखा बनाने के उद्देश्य से यह सम्मेलन बुलाया गया। सम्मेलन में परम पूज्य कविरत्न मुनिराज श्री विद्याविजयजी
SR No.002268
Book TitleGunanurag Kulak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay
Publication Year1997
Total Pages328
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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