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म.सा. ने अर्द्ध शताब्दी समारोह अखिल भारतीय त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के सहयोग से श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में मनाने की योजना पर विस्तार से व्याख्यान दिया एवं अर्द्ध शताब्दी महोत्सव का कार्य आहोर चार्तुमास में परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पती श्रीमद्विजय यतीन्द्रसूरिजी म.सा. ने श्रीमद् राजेन्द्रसूरि स्मारक ग्रंथ की योजना बनाकर लेख आदि बनवाने का कार्य प्रारम्भ किया, जिसकी रूपरेखा सम्मेलन में रखी। सम्मेलन में विचार विनिमय करके अर्द्ध शताब्दि महोत्सव की तैयारी करने के लिए सेठ श्री गगलभाई की अध्यक्षता में अखिल भारतीय प्रतिनिधियों की समिति बनाई। इसमें उपाध्यक्ष डॉ. प्रेमसिंहजी राठौर रतलाम, कोषाध्यक्ष सेठ श्री कन्हैयालालजी कश्यप रतलाम, मंत्री श्री मांगीलाल छाजेड़ धार को बनाया गया।
सं. २०१४ चैत्र सुदि १३,१४,१५ एवं वैशाख वदिका कार्यक्रम बनाकर तैयारियाँ करने लगे। महोत्सव के अन्तर्गत कवि सम्मेलन, विद्धव सम्मेलन, समाज सम्मेलन, महिला मण्डल सम्मेलन आदि विविध प्रकार के कार्यक्रम निश्चित किए गए, उस समय श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं थी। फिर भी मंत्री श्री छाजेड़ ने अपनी कार्यकुशलता का परिचय देते हुए १५-२० हजार मानव भेदनी अस्थाई रूप से सभी प्रकार
की सुविधायुक्त विशाल राजेन्द्र नगर का निर्माण किया एवं धनचन्द्र . नगर, भूपेन्द्र नगर, मोहन नगर, यतीन्द्र सभा कक्ष आदि का निर्माण करके बीस हजार मानव भेदनी की उपस्थिति में परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पति यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.स. ने श्रीमदविजय राजेन्द्रसूरि स्मारक ग्रंथ का लोकार्पण करते हुए श्री मोहनखेड़ा तीर्थ की भावी योजनाओं पर सारगर्भित व्याख्यान दिया एवं परम पूज्य आचार्य भगवंत अपने दीक्षादाता गुरुवर के चरणों में वन्दनसह