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________________ 35 567 128 603 692 141 326 337 134 325 346 323 428 293 687 544 6 32 32 535 91 12 519 621 86 सन्दिग्धव्यतिरेके सप्रत्ययप्रेरकतां स प्रतिपक्षमापन स भस्मभक्तीनि स भारतमनुष्याणां समर्थत्वासमर्थत्व समग्रास्तीति समानवृत्तिता नाम समानवृत्तिसापेक्ष समानवृत्त्यपेक्ष समानदेशे समिदाद्यात्मक सम्यग्वा यदि स यत्नो यांग सर्वतो विपदां सर्वत्र विद्यते सर्वत्रागृ अमाणं सर्वत्राग्रहणं सर्वव . सर्वथा शाक्य सर्वथा पारे सर्वथेन्द्रिय सर्वलोक बेरु सर्वशून्य मिदं . सर्वसर्वत सर्वसर्वगतत्वे सर्वसर्वगता वा सर्वसर्वर ता जाति सर्वस्य सुखदुःख सर्वात्मनोपकार्य सर्वात्मना हि सर्वोपपत्तिस्थानेषु 518 36 8c 36 8c 344 325 312 357 सलिलाहरण सवाच्यःफल सव्यापारस्य सहकारिकारण सहकारिप्रति सहस्त्रशाख सहजनिजकर्म स हि दृष्टान्त स हि निश्चय स हि व्यक्तिषु साधैयर्यस्त्वप सचेयं साध्य साधनं तु स्वतन्त्र सा धातोः प्रत्ययात् साधुत्वं नेद्रियग्राम्ह्य साधुत्वमिन्द्रिय . साध्यं च साध्यमान साध्यसाधन शब्दो साध्याभावकृता साध्यमानत्वपक्षे साध्यरूणभि साध्यसाधनसम्बन्ध साध्यस्त्रिवर्ग सामग्रया एव सामग्रयधीनः सामान्यं तु विशेष सामानाधिकरण्यं सामान्याधिकरण्य सामानाधिकरण्यादि सामान्य मिद सामान्य शून्या सामान्याध्यव 462 572 88 252 252 74 565 566 82 86 130 441 526 327 347 8c 632 277 90 36 325 14 42 28 428 30
SR No.002266
Book TitleNyayamanjari Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK S Vardacharya
PublisherOriental Research Institute
Publication Year1983
Total Pages794
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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