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अरिहंत की माता को चौदह स्वप्न एवं सोलह स्वप्न
स्वप्न-फल, स्वप्न रहस्य ४. कल्याणक महोत्सव
इन्द्र द्वारा शक्रस्तव इन्द्रागमन-द्रव्यवृष्टि
अष्टान्हिका महोत्सव अध्याय-६ जन्म कल्याणक
१३९-१५८ जन्मावस्था उत्तम योगों में जन्म जन्म प्रभाव से उद्योत तीन लोक में आनंद-अन्य वातावरण पर प्रभाव दिशाकुमारियों का आगमन-उनकी प्रवृत्ति
इन्द्रागमन २. जन्माभिषेक महोत्सव
इन्द्र के पांच परिकल्पित रूप, मेरु पर्वत पर गमन, गमन की अवधि-मेरुपर्वत पर इन्द्रों की संख्या, अभिषेक हेतु आवश्यक उपकरण-कलश के प्रकार, अभिषेक विधि-मेरु पर्वत से निर्गमन
परमात्मा को दिव्य वस्तुओं की सौगात-दिव्यवृष्टि-अष्टान्हिका महोत्सव ३. परमात्मा का स्वरूप एवं सौन्दर्य
जन्मकृत चार अतिशय-अपूर्व सौन्दर्य पांच अप्सराओं द्वारा लालन-पालन अंगुष्ठ में देवों द्वारा अमृत स्थापना देवकुमारों के साथ क्रीड़ा-अबालभाव सर्व कला-विज्ञान निष्णात यौवनकाल-आश्चर्यकारक रूप यौवन भोगों में अनासक्त परमनीति द्वारा राज्य करना और सर्व प्रजा को सुखी करना, विशुद्ध अध्यवसाय
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