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________________ उदाहरण वाक्य : बहुवचन (पु.) अहं बालआण फलाणि दामि = मैं बालकों के लिए फल देता हूं। इमाणि पुष्पाणि पुरिसाण सन्ति = ये फल आदमियों के लिए हैं। ताणि सत्थाणि छत्ताण सन्ति = वे शास्त्र छात्रों के लिए हैं। इदं घरं सीसाण अत्थि यह घर शिष्यों के लिए है। सो णराण वत्थूणि दाइ = वह मनुष्यों के लिए वस्तुएं देता है। निवो सुधीण धणं दाइ राजा विद्वानों के लिए धन देता है। सा कवीण कमलाणि दाइ = वह कवियों के लिए कमल देती है। ते कुलंवईण नमन्ति वे कुलपतियों को नमन करते हैं। इदं दुद्धं सिसूण अस्थि यह दूध बच्चों के लिए है। ते साहूण भोअणं दान्ति = वे साधुओं के लिए भोजन देते हैं। प्राकृत में अनुवाद करो': . यह दूध बालकों के लिए है। मैं आदमियों के लिए फूल देता हूँ। यह वस्तु छात्रों के लिए है। वह बच्चों के लिए फल देता है। मैं शिष्यों के लिए शास्त्र देता हूँ। यह घर मनुष्यों के लिए है। वह धन विद्वानों के लिए है। ये चित्र कवियों के लिए हैं। तुम सब कुलपतियों के लिए, नमन करते हो। वह साधुओं के लिए नमन करता है। शब्दकोष (पु.) : . . . .: वणिअ = . . बनियां किसाण = किसान गोव = ग्वाला वानर = . बन्दर . सेवअ. = नौकर हंस = - हंस . समिय = मजदूर जोगि = योगी . . . वेज्ज = वैद्य जंतु = प्राणी प्राकृत में अनुवाद करो ...यह धन बनिये के लिए है। यह रोटी ग्वाले के लिए है। यह दही नौकर के लिए है। यह पानी मजदूर के लिए है। यह फल वैद्य के लिए है। यह खेत किसान के लिए है। वह जल बन्दर के लिए है। वह दूध हंस के लिए है। यह शास्त्र योगी के लिए है। यह फूल प्राणी के लिए है। निर्देश : इन वाक्यों का बहुवचन (चतुर्थी पु) में भी प्राकृत में अनुवाद कीजिए। खण्ड १
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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