SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 89
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पाठ ३६ छत्त सुधीहिं. अ, इ एवं उकारान्त संज्ञा शब्द (पु.) तृतीया = के द्वारा, साथ से तृतीया-एकवचन बहुवचन बालअ बालएण कालएहि पुरिस पुरिसेण पुरिसेहि छत्तेण छत्तेहि सीस सीसेण सीसेहि णर णरेण ‘णरेहि .... सुधि सुधिणा कवि कविणा कवीहि .. कुलवइ कुलवइणा कुलवईहि सिसु सिसुणा सिसूहि... साहू साहुणा साहूहि उदाहरण वाक्य : एकवचन • अहं बालएण सह गच्छामि = मैं बालके के साथ जाता हूँ। . बालओ पुरिसेण सह वसइ = बालक आदमी के साथ रहता है। इदं कज्जं छत्तेण होइ = . यह कार्य छात्र के द्वारा होता है। साहू सीसेण सह भुंजइ = साधु शिष्य के साथ भोजन करता है। ताणि कज्जाणि नरेण होन्ति = . वे कार्य मनुष्य के द्वारा होते हैं। तं कज्जं सुधिणा होइ = . वह कार्य विद्वान् के द्वारा होता है। कविणा कज्ज होइ = कवि के द्वारा कार्य होता है। निवो कुलवइणा सह गच्छइ = राजा कुलपति के साथ जाता है। माआ सिसुणा सह वसइ = माता बच्चे के साथ रहती है। सीसो साहुणा सह पढइ = शिष्य साधु के साथ पढ़ता है। प्राकृत में अनुवाद करो : वह बालक के साथ रहता है। मैं आदमी के साथ जाता हूँ। ये कार्य शिष्य के द्वारा होते हैं। साधु छात्र के साथ भोजन करता है। वह कार्य मनुष्य के द्वारा होता है। वे कार्य विद्वान के द्वारा होते हैं। राजा कवि के साथ रहता है। कुलपति के द्वारा वह कार्य होता है। माता बच्चे के साथ जाती है। वे साधु के साथ जाते हैं। प्राकृत स्वयं-शिक्षक
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy