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पाठ
अ, इ एवं उकारान्त संज्ञा शब्द (नपुं.) : शब्द
द्वितीया का एकवचन णयर
णयरं फल
फलं पुप्फ
पुष्पं कमल.
द्वितीया = को बहुवचन णयराणि फलाणि पुप्फाणि कमलाणि घराणि । खेत्ताणि सत्थाणि
कमलं
घर
घरं
खेत
खेत्तं
सत्थ
सत्यं वारिं
वारीणि
वारि दहि
वत्थु .
दहीणि
वत्थूणिः सर्वनाम (नपुं.) : . .
. इमं = इमाणि
तं = 'ताणि . उदाहरण वाक्य :
एकवचन पुरिसो तं णयरं गच्छइ ___ = आदमी उस नगर को जाता है। बालओ इदं फलं इच्छइ = . बालक इस फल को चाहता है। अहं पुष्पं पासामि = मैं फूल को देखता हूँ। सो कमलं गिण्हइ
___ = . वह कमल को लेता है। सेट्ठि घरं गच्छइ
सेठ घर को जाता है। णरो खेत्तं कस्सइ
मनुष्य खेत को जोतता है। छत्तो सत्थं पढइ
छात्र शास्त्र को पढता है। कन्ना वारं पिबइ
कन्या पानी को पीती है। सुण्हा दहिं खाइ
बहू दही को खाती है। . . साहू वत्थु ण इच्छइ = साधु वस्तु को नहीं चाहता है । प्राकृत में अनुवाद करो :
___ बालक नगर को जाता है। तुम कल को चाहते हो। पुरुष फूल को देखता है। कन्या दही को खाती है। विद्वान् घर को जाता है। युवती कमल को लेती है। छात्र खेत को जोतता है। बालिका पानी को पीती है। बहू शास्त्र पढ़ती है। मुनि वस्तु को नहीं चाहता है।
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प्राकृत स्वयं-शिक्षक