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________________ पाठ अ,इ, एवं उकारान्त संज्ञा शब्द (पु.) : शब्द बालअ पुरिस ४० छत्त ཝཱ णर सुधि कवि कुलवइ सिसु साहू उदाहरण वाक्य : एकवचन पिऊ बालअं पालइ पहू पुरिसं पेसइ गुरू छतं वदिस आयरिओ सीसं खमइ द्वितीया एकवचन भूवई रं बंध निवो सुधि जाणइ सो कवि पास कुलवई को ण जाणइ माआ सिसुं गिण्हइ बुहा साहुं पुच्छन्ति बालअं पुरिसं छत्तं सी परं सुधिं कवि कुलवई सिसुं साहूं = = = ३१ द्वितीया बहुवचन बालआ पुरिसा छत्ता सीसा = णरा सुधिणो कविणो कुलवइणों ससुणो 1 पिता बालक को पालता है स्वामी आदमी को भेजता है । गुरु छात्र को उपदेश देता है । आचार्य शिष्य को क्षमा करता राजा मनुष्य को बाँधता है । 15. है 1 नृप बुद्धिमान को जानता है 1 वह कवि को देखता है। कुलपति को कौन नहीं जानता है ? माता बच्चे को लेती है । बुद्धिमान् साधु को पूछते हैं। प्राकृत में अनुवाद करो : वह बालक को जानता है। मैं आदमी को देखता हूँ । गुरु शिष्य को उपदेश देता है । वे मनुष्य को बाँधते हैं। बालक देव को नमन करते हैं। राजा योद्धा को बाँधता है । वह कुलपति को नहीं जानता है। आचार्य तपस्वी को जानते हैं। माता शिशु को पालती को कौन नहीं जानता है ? । साधु प्राकृत स्वयं-शिक्षक
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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