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उदाहरण वाक्य :
पिऊ बालआ पालइ पहू पुरिसा पेस
गुरु छत्ता उवदिस 'आयरिओ सीसा खमइ बंध
भूव
निवो सुधिणो जाणइ
सो कवि पास कुलवणो ण जाणइ माआ सिसुणो गिण्हइ बुहा साहुणो पुच्छन्ति
शब्दकोश (पु.) :
उवज्झाय
बहुवचन (पु.)
इंद
अज्ज
समण
जीव
खण्ड १
=
उपाध्याय
इन्द्र
सज्जन
श्रमण
जीव
=
प्राकृत में अनुवाद करो :
मैं बालकों को जानता हूँ। वह आदमियों को देखता है। साधु शिष्यों को उपदेश देता है। राजा मनुष्यों को बाँधता है। कन्यायें देवताओं को नमन करती हैं। शत्रु योद्धाओं को जीतता है। वे कुलपतियों को जानते हैं। राजा कवियों को पूछता है । माता शिशुओं को पालती है। विद्वानों को कौन नहीं जानता है ?
=
पिता बालकों को पालता है । स्वामी आदमियों को भेजता है ।
गुरु छात्रों को उपदेश देता है ।
आचार्य शिष्यों को क्षमा करता है ।
राजा मनुष्यों को बाँधता है ।
नृप विद्वानों को जानता है । वह कवियों को देखता है।
कुलपतियों को कौन नहीं जानता है ?
माता बच्चों को लेती है । विद्वान् साधुओं को पूछते हैं ।
चाइ
मंति
गुरु
बंधु
|| || || || ||
पुत्र
त्यागी
मन्त्री
गुरु
भाई
प्राकृत
अनुवाद करो :
तुम उपाध्याय को नमन करो। वह इन्द्र को देखे । तुम सब सज्जन को नमन करो। वह श्रमण को न छुए। जीव को न मारो। पुत्र को पालो । वे त्यागी को पूछें। तुम मन्त्री को न भेजो। वह गुरु को क्रोधित न करे। तुम भाई को क्षमा करो । निर्देश : इन्हीं वाक्यों के बहुवचन द्वितीया में प्राकृत में अनुवाद करो ।
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