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पाठ
३०
सर्वनाम (पु, स्त्री.) :
द्वितीया = को एकवचन अर्थ -बहुवचन अर्थ ममं = मुझको अम्हे = हम सब/हम दोनों को तुमं = तुमको तुम्हे = तुम सब/तुम दोनों को तं = उसको ते = उन सब/उन दोनों को तं = उसको ताओ = उन सब/उन सब को इमं = इसको इमे = इनको/इन दोनों को इमं = इसको इमाओ = इनको/इन दोनों को
कं = किसको के = किनको/किन दोनों को (स्त्री) कं = किसको काओ = किनको/किन दोनों को उदाहरण वाक्य :
एकवचन ते ममं पासन्ति = वे मुझको देखते हैं। अहं तुमं जाणामि . = मैं तुमको जानता हूँ। तुमं तं पुच्छसि = तुम उसको पूछते हो। सो तं पासइ = . वह उसको (स्त्री) देखता है। अहं इमं नमामि · = मैं इसको नमन करता हूँ।
बहुवचन ते अम्हे पासन्ति = वे हम सैंबको देखते हैं। __अहं तम्हे जाणामि = मैं तुम सबको जानता हूँ।
तुमं ते पुच्छसि = तुम उन सबको पूछते हो।
सो ताओ नमइ = वह उन सबको (स्त्री) नमन करता है। .. . अहं इमे नमामि = मैं इनको नमन करता हूँ।
तुमं काओ पाससि = तुम किन (स्त्रियों) को देखते हो? प्राकृत में अनुवाद करो :
मैं तुमको देखता हूँ। बालक मुझको जानता है। राजा उसको पूछता है। वह हम सबको नमन करता है। तुम हम दोनों को देखते हो। वह तुम सबको जानता है। मैं तुम दोनों को नमन करता हूँ। तुम उस (स्त्री) को देखते हो। साधु उन सबको जानता है। कुलपति उन दोनों को पूछता है। तुम उन सब (स्त्रियों) को जानते हो। मैं उन दोनों (स्त्रियों) को देखता हूँ।
खण्ड १