________________
पाठ
६८
विशेषण शब्द (पु. स्त्री., नपुं.) :
गुणवाचक अर्थ
अर्थ उत्तम
श्रेष्ठ (अच्छा) गंभीर गंभीर अहम नीच चवल
चंचल कठोर सीयल
ठंडा दयालु दयावान उण्ह
गरम किसण
काला
नाणि धवल बलिट्ठ बलशाली रुग्ग
रोगी निब्बल कमजोर . णीरोग
स्वस्थ . त्यागी. पमाइ
आलसी लुद्ध
. लोभी उज्जमसील उद्यमशील नि. ६५ : इन विशेषण शब्दों के रूप एवं लिंग विशेष्य के अनुसार बनते हैं।
ज्ञानी
सफेद
.
मुक्ख
चाइ
उदाहरण वाक्य :
प्रथमा-एकचन . (पु) उत्तमो साहू झाइ (स्त्री) उत्तमा जुवई पढइ (नपुं) उत्तमं मित्तं पच्चाअइ .. द्वितीया-एकवचन (पु) उत्तमं कविं सो नमइ (स्त्री) उत्तमं साडि सा इच्छइ
(नपुं) उत्तमं सत्यं सा पढइ ... तृतीया-एकवचन . (पु) उत्तमेण सुधिणा सह सो पढइ । (स्त्री) उत्तमाए सासूए सह सुण्हा वसइ (नपुं) उत्तमेण घरेण बिणा सुहं नत्थि
चतुर्थी-एकवचन ... (पु) उत्तमस्स छत्तस्स इदं फलं अस्थि
(स्त्री) उत्तमाअ बालाअ तं पुष्फ अस्थि (नपुं) उत्तमस्स वत्थुणो इदं धणं अस्थि
प्रथमा-बहुवचन उत्तमा साहुणो झायन्ति उत्तमाओ जुवईओ पढन्ति उत्तमाणि मित्ताणि पच्चाअन्ति द्वितीया-बहुवचन उत्तमा कविणो ते नमन्ति उत्तमाओ साडीओ ताओ इच्छन्ति उत्तमाणि सत्थाणि सा पढइ तृतीया-बहुवचन उत्तमेहि सुधीहिं सह सो पढइ उत्तमाहि सासूहि सह कलहं ण होइ उत्तमेहि पुप्फेहि सोहा होइ चतुर्थी-बहुवचन उत्तमाण छत्ताण इमाणि फलाणि सन्ति उत्तमाण बालाण ताणि पुप्फाणि संति उत्तमाण वत्थूण इदं धणं अस्थि
खण्ड १