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________________ उदाहरण वाक्य : = भगवंता वीयराआ होन्ति अम्हे भगवंता पणमामो भगवंतेहि विणा भत्ती ण होइ इमो जिणालय भगवंताण अत्थि = भगवंताहिंतो जणा किं मग्गन्ति इमे भगवंताण सावआ सन्ति भगवंतेसु राअदोसो ण होइ भगवंता! अम्हे उपदिसन्तु ९८ प्र. द्वि. बहुवचन (पु.) एकवचन राया राइणं = = = राइणा राइणो राणो इणो राइम्मि = = प्राकृत में अनुवाद करो : भगवान् यहाँ कब आयेंगे? राजा. गुणवानों का सम्मान करता है। ज्ञानवान साधुओं' के साथ वह नहीं रहता है । बालक युवकों से डरते हैं । तुम संसार की आत्माओं का कल्याण करो । वहाँ राजाओं की सभा है। वे पूर्व जन्मों में कहाँ थे ? चन्द्रमाओं में किसका चित्र है ? निर्देश : = भगवान् वीतराग होते हैं । हम भगवानों को प्रणाम करते हैं। भगवानों के बिना भक्ति नहीं होती है। यह जिनालय भगवानों के लिए है । भगवानों से लोग क्या माँगते हैं ? ये भगवानों के श्रावक हैं । भगवानों में रागद्वेष नहीं होता है 1 हे भगवानो ! हमें उपदेश दो । (क) उपर्युक्त भगवंत आदि शब्दों के सभी विभक्तियों में रूप लिखिए । • (ख) राय (राजा) शब्द के विकल्प वाले ये रूप भी याद करलें । बहुवचन राइणो राइणो तृ. च. पं. ष. राई स. . राईसु सं. राया राइणो नि. ६४ : राय शब्द के वे उपर्युक्त रूप पुल्लिंग इकारान्त शब्द की तरह हैं । किन्तु प्रथमा, द्वितीया एवं पंचमी एकवचन में राया, राइणं, राइणों ये रूप उससे भिन्न हैं। राई राईण राईहिंतो प्राकृत स्वयं-शिक्षक
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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