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________________ पाठ ५८ अ इ एवं उकारान्त शब्द (नपुं.) : सप्तमी एकवचन णयर णयरे फल सप्तमी = में, पर . बहुवचन णयरेसु फलेसु पुष्फ पुप्फे पुप्फेसु . कमल कमले कमलेसु घरे घरेसु : घर खेत खेते वारीसु दहीसुं वत्थूसु खेत्तेसु सत्य सत्थे सत्येसु वारिम्मि दहिम्मि वत्थुम्मि उदाहरण वाक्य: एकवचन अहं णयरे वसामि मैं नगर में रहता हूँ। फले रसं अत्थि फल में रस है। पुष्फे सुयंधो पत्थि · फूल में सुगन्ध नहीं है। कमले भमरो अस्थि कमल पर. भौंरा है। घरे जणा णिवसन्ति घर में लोग रहते हैं। खेत्ते घेणू अस्थि = . खेत में गाय है। सत्थे विज्जा वसइ शास्त्र में विद्या रहती है। . वारिम्मि नावा चलन्ति = . पानी पानी . पानी पर नावें चलती हैं। दहिम्मि घअं अत्थि = दही में घी है। . वत्थुम्मि पाणा ण सन्ति = वस्तु में प्राण नहीं हैं। प्राकृत में अनुवाद करो : राजा नगर में रहता है। फूल में रस है। फल में सुगन्ध नहीं है। घर में गाय है। खेत में आदमी है। पानी में जीव है। शास्त्र में ज्ञान है। दही में पानी है। कमल में पत्ते हैं। वस्तु में मेरी आसक्ति नहीं है। ८४ प्राकृत स्वयं-शिक्षक
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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