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________________ उदाहरण वाक्य : बहुवचन (नपुं.) अम्हे तेसु णयरेसु वसामो = हम उन नगरों में रहते हैं। इमेसु फलेसु रसं णत्थि = इन फलों में रस नहीं है। केसु पुप्फेसु सुयंधो अत्थि = किन फूलों में सुगन्ध है? तेसु कमलेसु भमरा सन्ति = उन कमलों पर भौरे हैं। इमेसु घरेसु णरा निवसन्ति = इन घरों में मनुष्य रहते हैं। ताण खेत्तेसु जलं णत्थि = उनके खेतों में पानी नहीं है। सत्थेसु णाणं होइ = शास्त्रों में ज्ञान होता है। नईण वारीसु नावा तरन्ति = नदियों के पानी में नावें तैरती हैं। ताण पत्ताण दहीसु घअं अत्थि = उन बर्तनों के दही में घी है। इमेसु वत्थूसु पाणा ण सन्ति __ = इन वस्तुओं में प्राण नहीं हैं। प्राकृत में अनुवाद करो : राजा उन नगरों में घूमता है। उपवन के फूलों में सुगन्ध होती है। उनके घरों में गायें हैं। तालाब के कमलों में रस है। जंगल के खेतों में घास उत्पन्न होती है। शास्त्रों .. में इस संसार का वर्णन है। उन वस्तुओं में किसकी आसक्ति है ? शब्दकोश (नपुं.) : भाल . . = . ललाट विहाण = . . पगरक्ख . . = जूता मसाण = मरघट आभरण गहना वेसम्म विषमता रूप सागय स्वागत अंडय = अंडा .साहस = साहस . . .प्राकृत में अनुवाद करो : उसके ललाट पर तिलक है। मेरे जूते में मिट्टी है। उसके गहने में मोती है। किसके रूप में आकर्षण है? उस अंडे में प्राणी है। प्रभात में चिड़िया उड़ती है। मरघट में शान्ति होती है। विषमता में देश सुख प्राप्त नहीं करता है। हम उनके स्वागत में यहाँ हैं। साहस में शक्ति होती है। निर्देश : इन्हीं वाक्यों का बहुवचन (सप्तमी) में प्राकृत में अनुवाद करो। प्रभात खण्ड १
SR No.002253
Book TitlePrakrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year1998
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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