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________________ ___ अपभ्रंश कथा : परिभाषा, व्याप्ति और वर्गीकरण : २११ प्राकृत, अपभ्रंश और हिन्दी तक में विपुलरूप से उपलब्ध है । नीचे जैनों के पुराण-साहित्य की एक सूची दी जा रही है : पुराण का नाम लेखक समय १. पद्मपुराण-पद्मचरित रविषेण ७०५ वि० सं० २. महापुराण ( आदिपुराण) जिनसेन नवीं शती ३. उत्तरपुराण गुणभद्र १०वीं शती ४. अजितपुराण अरुणमणि १७१६ वि० सं० ५. आदिपुराण ( कन्नड़) कवि पंप ६. आदिपुराण __ भट्टारक चन्द्रकीति १७वीं शती ७. आदिपुराण , सकलकीर्ति १५वीं शती ८. उत्तरपुराण ९. कर्णामतपुराण · . केशवसेन १६८८ वि० सं० १०. जयकुमारपुराण ब्र० कामराज १५५५ ११. चन्द्रप्रभपुराण कवि अगासदेव १२. चामुण्डपुराण चामुण्डराय ९८० शक सं० १३. धर्मनाथपुराण - कवि बाहुबली १४. नेमिनाथपुराण ब्र० नेमिदत्त १५. पद्मनाभपुराण भ० शुभचन्द्र १७वीं शती १६. पउमचरिय ( अपभ्रंश) . चतुर्मुखदेव अनुपलब्ध .१७. . , स्वयंभूदेव १८. पद्मपुराण भ० सोमसेन. १९. पद्मपुराण भ० धर्मकीर्ति १६५६ २०. पद्मपुराण ( अपभ्रंश ) कवि रइधू १५-१६वीं शती भ० चन्द्रकीर्ति १७वीं शती ब्रह्म जिनदास १५-१६वीं शती २३. पाण्डवपुराण भ० शुभचन्द्र १६०८ २४. , ( अपभ्रंश) भ० यशःकोति १४९७ २५. , भ० श्रीभूषण १६५७ १. प्रस्तुत सूची हिन्दी विश्वकोश, खंड ७, पृ० २६४-६५ एवं जिनसेनकृत आदिपुराण, प्रथम भाग की प्रस्तावना पृ० ८-९ के आधार पर दी गई है। हिन्दी विश्वकोश के अनुसार क्र० सं० १६,१७,२७-३०, ४५--४६, ४८-५२ अपभ्रंश भाषा में लिखित हैं। मनाथपुराण
SR No.002250
Book TitleApbhramsa Kathakavya evam Hindi Premakhyanak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremchand Jain
PublisherSohanlal Jain Dharm Pracharak Samiti
Publication Year1973
Total Pages382
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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