________________
हिन्दी प्रेमाख्यानकों का शिल्प : १३३
४१. कन्नौज के मलिक जहांगीर ने अलाउद्दीन के कहने पर नृत्य करती हुई एक नर्तको पर बाण द्वारा प्रहार ।
४२. अलाउद्दीन और रतनसेन में संधि। ४३. अलाउद्दीन चित्तौड़ देखने गया। झरोखे से पद्मिनो का दीखना और सुलतान का बेहोश हो जाना । . ४४. गढ़ से लौटते हुए शाह ने राजा को धोखे से बन्दी बनाया। ४५. राजा देवपाल द्वारा पद्मिनी को फूसलाने के लिए दती भेजी। ४६. दुती की असफलता और उसका निष्कासन। ४७. शाह द्वारा पातूर जोगिन दूतो को पद्मावती के पास भेजना। ४८. जोगिन के कहने से पद्मावती तैयार हुई पर सखियों ने रोका। ४९. गोरा-बादल द्वारा रतनसेन को छुड़ाने का वचन ।
५०. बादल की नव-विवाहिता पत्नी द्वारा उसे रोका जाना और उसका न रुकना।
५१. सोलह सौ डोलियां सजाई गईं जिनमें पद्मिनी की सखियों के स्थान पर सैनिक दिल्ली गये।
५२. शाह से पद्मिनी को सोलह सौ सखियों के साथ आगमन की . सूचना देकर रतनसेन से प्रथम मिलने की आज्ञा प्राप्त करना ।
. ५३. इस विधि से रतनसेन का छुड़ा लेना और रतनसेन का चित्तौड़ की ओर आना।
५४, बादल रतनसेन के साथ चित्तौड़ लौटा, गोरा ने शाह की सेना - को रोका, युद्ध में मारा गया। • ५५. राजा चित्तौड़ पहुंचा। पद्मावती द्वारा देवपाल को दूती का
समाचार देना। ... ५६. राजा ने देवपाल पर चढ़ाई की और उसे मार डाला।
५७. राजा को देवपाल की सेल का घाव लग जाने से उसकी मृत्यु ।
५८. नागमती व पद्मावती का सतो होना। लक्ष्मणसेन-पद्मावती की कथानक-रूढ़ियाँ
( यह कथा सूफ़ी प्रेमाख्यानकों से भिन्न है )
१. प्रारम्भ में मंगलाचरणरूप में गणपति को नमस्कार किया १. डा० सत्येन्द्र, मध्ययुगीन हिन्दी साहित्य का लोकतात्विक अध्ययन, पु.
२७९-८२.