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शुष्क भोजन लिया, कितने समय तक पानी पीया या नहीं पीया इत्यादि । अर्थात इस अध्ययन में श्रमण भगवान महावीर की चर्या के माध्यम से जिस प्रकार की साधुचर्या का वर्णन किया गया है, वैसा ही साधना करने के लिए श्रमण वर्ग को ध्यान दिलाया
प्रथम श्रुत स्कंध के नौ अध्ययनों के कुल मिलाकर इकावन उद्देशक हैं, लेकिन सातवें अध्ययन महापरिज्ञा के सातों उद्देशक नष्ट हो जाने से वर्तमान में चवालीस उद्देशक उपलब्ध हैं।
द्वितीय श्रुतस्कंध का नाम आचाराग्र भी है। इसका दूसरा नाम आचार कल्प अथवा आचारप्रकल्प भी है, जिसका उल्लेख नियुक्ति, स्थानांग वसमवायांग में मिलता है, जिसका नंदीसूत्र में कालिक सूत्रों की गणना में निसीह' नाम से उल्लेख किया गया
प्रथम चूलिका में सात अध्ययन है-९ पिण्डैषणा, २. शैयैषणा, ३. इयैषणा, ४. भाषा जातैषणा, ५. वस्त्रैषणा, ६. पात्रैषणा और ७. अवग्रहैषणा । पहले में गोचरी के नियम तथा सदोष-निर्दोष आहार का विवेचन है। इसके ग्यारह उद्देशक हैं, जिनमें आहार गवेषणा, कल्प्य, अकल्प्य आहार लेने न लेने, सचित्त-अचित्त, आहार गवेषणा के समय मुनि कि वर्तना आदि का सविस्तार वर्णन किया गया है । अर्थात् आहार गवेषणा विषयक सभी नियमों का मर्यादाओं का सर्वांगीण विस्तृत वर्णन इस अध्ययन में है । दूसरे शैयैषणा अध्ययन में वासस्थान की गवेषणा का विचार है। इसके तीन उद्देशक हैं। ईयैषणा अध्ययन में मुनि के लिए गमनागमन तथा विहार के नियम बतलाए हैं। इसमें भी तीन उद्देशक हैं। चौथे भाषा जातैषणा में भाषा के प्रकारों एवं मुनि को कैसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए, इसका विवेचन है । इसके दो उद्देशक हैं। पाँचवें वस्त्रैषणा अध्ययन में मुनि को कैसे वस्त्र और किस प्रकार के वस्त्र लेना चाहिए, यह विचार किया गया है। इसमें दो उद्देशक हैं । छठे पात्रैषणा अध्ययन में पात्र को ग्रहण करने की विधि व नियम बताए हैं। इसके दो उद्देशक हैं। सातवें अवग्रहैषणा अध्ययन में साधु के योग्य उपाश्रय देखने व उसकी प्राप्ति की विधि का वर्णन है । इन अध्ययनों के नामों की योजना तदन्तर्गत विषयों को ध्यान में रखकर की गई है । कुल मिलाकर प्रथम चूलिका में पच्चीस उद्देशक हैं । अवग्रहैषणा के दो उद्देशक हैं।
दूसरी चूलिका में भी सात अध्ययन हैं-१. स्थान, २. निषीधिका, ३. उच्चार प्रस्रवण, ४. शब्द, ५. रूप, ६. पर क्रिया, ७. अन्योन्य क्रिया। इन सभी अध्ययनों में एक-एक उद्देशक हैं । प्रथम अध्ययन में स्थान व दूसरे में निषाधिका (स्वाध्याय और
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