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________________ अकलंक. और जीव की परिभाषा 109 १०. तथैव : समयसार, सी०जे०पी०एच०, लखनऊ, १६३० ११. उत्तराध्ययन-२, जैन विश्व भारती, लाडनूं, १६६३ १२ स्वामी, सुधर्मा : भगवती सूत्र-१, तथैव, १६६४ १३. आर्य, श्याम : प्रज्ञापना सूत्र १-२, आ०प्र०स०, व्यावर, १६८२-८४ १४. स्वामी, सुधर्मा : आचारांग-१, तथैव, १६८० १५. चतुर्वेदी, गिरिधर शर्मा : वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति, वि०रा० परिषद्, पटना, १६७२ १६. दीक्षित, के०के० : जैन आन्टोलॉजी, एल०डी० इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद, १६७१ १७. सत्यभक्त, स्वामी : सत्यामृत- २, सत्याश्रम, वर्धा, १६३२ १८. आचार्य, उमास्वामी : तत्त्वार्थसूत्र, वर्णी ग्रंथमाला, वाराणसी, १६५० १६. कैरियर, मार्टिन आदि : माइंड, ब्रेन एंड बिहेवियर, डी गायटर, न्यूयार्क, १६६१ २०. अग्रवाल, पारसमल : तीर्थकर वाणी, १६६६ में प्रकाशित विविध लेख २१. कन्नन, ए० : होलस्टिक ह्यूमन. कंसर्न फार वर्ल्ड वेलफेयर, थियो०सोसायटी, मद्रास, १६८८
SR No.002233
Book TitleJain Nyaya me Akalankdev ka Avadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamleshkumar Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year1999
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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