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२२० प्रमेयकमलमार्तण्ड परिशीलन . अवयवों में से कितने ही कम अवयवों का प्रयोग करना बाल प्रयोगभास है । अल्पज्ञानी पुरुष को बाल कहते हैं । अल्पज्ञानी व्यक्ति के लिए पाँच अवयवों में से तीन या चार अवयवों का प्रयोग करने पर प्रकृत वस्तु का ठीक से ज्ञान नहीं होता है । अत: उनके लिए पाँच से कम अवयवों के प्रयोग को बालप्रयोगाभास कहते हैं ।
बालप्रयोगाभास का उदाहरण अग्निमानयं देशो धूमवत्वात्, यदित्थं तदित्थं यथा महानस इति ॥७॥
यह देश अग्निमान है, धूमवान् होने से । जो धूमवान् होता है वह अग्निमान् होता है, जैसे महानस ( भोजनशाला ) । यहाँ अनुमान के प्रतिज्ञा, हेतु और उदाहरण इन तीन अवयवों का ही प्रयोग किया गया है । इसलिए यह बालप्रयोगाभास है ।
चार अवयवों का प्रयोग करने पर भी बालप्रयोगाभास होता है । इसे आगे के सूत्र में बतलाया गया है
धूमवांश्चायमिति वा ॥४८॥ .. और यह देश धूमवान् है । ऐसा कह कर यहाँ पूर्वोक्त तीन अवयवों
के साथ उपनय का प्रयोग तो किया गया है, परन्तु निगमन का प्रयोग न होने के कारण यह भी बालप्रयोगाभास है। ,
अवयवों के विपर्यय में भी बालप्रयोगाभास होता है । इसी बात को निम्नलिखित सूत्र में बतलाते हैं
___ तस्मादग्निमान् धूमवांश्चायमिति ॥४९॥
इसलिए यह देश अग्निमान् है और यह धूमवान् भी है । उदाहरण के बाद उपनय का प्रयोग करना चाहिए और अन्त में निगमन का प्रयोग करना चाहिए । परन्तु यहाँ पहले निगमन का प्रयोग किया गया है और अन्त में उपनय का प्रयोग किया गया है । इसलिए यह भी बालप्रयोगाभास है ।
अनुमान के पाँच अवयवों में से कम अवयवों के प्रयोग करने पर तथा विपरीत प्रयोग करने पर बालप्रयोगभास क्यों होता है, इस बात को बतलाने के लिए सूत्र कहते हैं
स्पष्टतया प्रकृतप्रतिपत्तेरयोगात् ॥५०॥ .