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________________ प्रस्तावना पदार्थ एक क्षण ही ठहरता है और दूसरे क्षण में वह नष्ट हो जाता है । अर्थक्रिया क्षणिक पदार्थ में ही हो सकती है, नित्य में नहीं । इसी का नाम क्षणभङ्गवाद है । बौद्धों का एक सिद्धान्त यह भी है कि शब्द और अर्थ में कोई सम्बन्ध नहीं है । शब्द अर्थ का वाचक न होकर अन्यापोह का वाचक होता है । गौ शब्द गाय को न कहकर अगोव्यावृत्ति का कथन करता है । गाय में अगोव्यावृत्ति को बतलाना ही अन्यापोहवाद है । ___ बौद्धदर्शन के चार प्रमुख सम्प्रदाय हैं जिनके अपने-अपने विशिष्ट दार्शनिक सिद्धान्त हैं-(१) वैभाषिक-बाह्यार्थप्रत्यक्षवाद, (२) सौत्रान्तिक-बाह्यार्थानुमेयवाद, (३) योगाचार-विज्ञानवाद और (४) माध्यमिक-शून्यवाद । उक्त चार प्रकार के दार्शनिकों में से वैभाषिक और सौत्रान्तिक बाह्य पदार्थ की सत्ता मानते हैं । दोनों में भेद इतना ही है कि वैभाषिक बाह्य अर्थ का प्रत्यक्ष स्वीकार करते हैं और सौत्रान्तिक उसको अनुमेय ( अनुमानगम्य.) मानते हैं । योगाचार का दूसरा नाम विज्ञानाद्वैतवाद है, क्योंकि इनके मत में विज्ञानमात्र ही तत्त्व है, अर्थ की सत्ता कथंचित् भी नहीं है । इसी प्रकार माध्यमिकों को शून्यवादी कहा गया है, क्योंकि इनके यहाँ शून्य ही तत्त्व है। ... अर्थ की सत्ता मानने वाले वैभाषिक और सौत्रान्तिकों के अनुसार अर्थ दो प्रकार का है-स्वलक्षण और सामान्यलक्षण । इनमें स्वलक्षण प्रत्यक्ष का विषय है और सामान्यलक्षण अनुमान का । प्रत्येक गौ व्यक्ति गौस्वलक्षण है और अनेक गायों में जो गोत्वरूप सामान्य की प्रतीति होती है वह सामान्यलक्षण है । स्वलक्षण सजातीय और विजातीय दोनों से व्यावृत्त होता है। बौद्धों ने अविसंवादी तथा अज्ञात अर्थ को प्रकाशित करने वाले ज्ञान को प्रमाण माना है और कल्पना तथा भ्रान्ति से रहित ज्ञान को प्रत्यक्ष कहा है । प्रत्यक्ष ज्ञान कल्पना से रहित अर्थात् निर्विकल्पक होता है । प्रत्यक्ष के चार भेद हैं-इन्द्रियप्रत्यक्ष, मानसप्रत्यक्ष, स्वसंवेदनप्रत्यक्ष और योगिप्रत्यक्ष । अनुमान तीन रूप (पक्षधर्मत्व, सपक्षसत्व और विपक्षव्यावृत्ति ) वाले हेतु से उत्पन्न होता है । उन्होंने हेतु का लक्षण
SR No.002226
Book TitlePrameykamalmarttand Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year1998
Total Pages340
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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