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________________ १०४ प्रमेयकमलमार्तण्ड परिशीलन . होना चाहिए और ऐसा जो ज्ञान है वही प्रत्यभिज्ञान है । गृहीतग्राहित्व का दोषारोपण करके प्रत्यभिज्ञान में अप्रामाण्य सिद्ध नहीं किया जा सकता है । क्योंकि प्रत्यभिज्ञान का विषयभूत जो एक द्रव्य है वह स्मृति और प्रत्यक्ष से ग्राह्य नहीं होता है । इसलिए प्रत्यभिज्ञान गृहीतग्राही न होकर अगृहीतग्राही है । प्रत्यभिज्ञान का बाधक कोई प्रमाण भी नहीं है । अतः प्रत्यभिज्ञान प्रमाण है और वह प्रत्यक्षादि से भिन्न है। - मीमांसक और नैयायिक सादृश्य प्रत्यभिज्ञान को उपमान कहते हैं । मीमांसकों का मत है कि गोदर्शन के संस्कार वाले व्यक्ति के वन में जाने पर गवय के दर्शन के बाद गाय का स्मरण होने पर 'अनेन समानः सः'गाय गवय के समान है, इस प्रकार का जो ज्ञान होता है वह उपमान है । यहाँ सादृश्यविशिष्ट गौ अथवा गौविशिष्ट सादृश्य उपमान का प्रमेय होता ___मीमांसकों का उक्त कथन समीचीन नहीं है । क्योंकि चाहे एकत्व की प्रतीति हो अथवा सादृश्य की प्रतीति हो, दोनों ही संकलनात्मक होने के कारण प्रत्यभिज्ञान ही हैं । जिस प्रकार स एवायम्'-यह वही है, यहाँ उत्तर पर्याय की पूर्व पर्याय से एकता की प्रतीति होती है, उसी प्रकार 'अनेन सदृशः सः'-वह इसके समान है, ऐसी सादृश्य प्रतीति भी प्रत्यभिज्ञान ही है । यदि एकत्वज्ञान को प्रत्यभिज्ञान और सादृश्यंज्ञान को उपमान माना जाय तो 'अनेन विलक्षणः सः'-वह इससे विलक्षण है, ऐसा जो वैलक्षण्य का ज्ञान होता है वह कौनसा प्रमाण होगा ? इस ज्ञान को प्रत्यभिज्ञान और उपमान से भिन्न ही मानना पड़ेगा । क्योंकि इसका विषय न तो एकत्व है और न सादृश्य है। उपमान के विषय में नैयायिक का मत मीमांसक के मत से कुछ भिन्न है । किन्तु दोनों में मूल बात एक ही है । नैयायिकमतानुसार 'गौरिव गवयः'-गवय गाय के समान होता है, इस उपमान वाक्य को जिस व्यक्ति ने सुना है उसको वन में जाने पर गौसदृश प्राणी का दर्शन होता है । तदनन्तर 'अयं गवयशब्दवाच्यः'-यह प्राणी गवय शब्द का वाच्य है, उसे ऐसी जो संज्ञा ( गवय शब्द ) और संज्ञी ( गवय प्राणी ) के वाच्यवाचक सम्बन्ध का ज्ञान होता है वह उपमान कहलाता है । .
SR No.002226
Book TitlePrameykamalmarttand Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year1998
Total Pages340
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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