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________________ १०० प्रमेयकमलमार्तण्ड परिशीलन. . जैसे वह देवदत्त । किसी ने एक वर्ष पहले देवदत्त को देखा था और देवदत्त को देखने वाले पुरुष के हृदय में उस देवदत्त का धारणारूप संस्कार पड़ गया था । किसी कारण विशेष के द्वारा आज वह संस्कार जागृत हो गया । तब पूर्व दृष्ट देवदत्त का स्मरण इस रूप में होता है-वह देवदत्त । स्मृतिप्रामाण्य विचार संवादक होने के कारण स्मृति प्रमाण है । जो भी ज्ञान संवादक होता है वह प्रमाण कहलाता है, जैसे प्रत्यक्षादि ज्ञान स्मृति का विषय अनुभूत अर्थ होता है । स्मृति शब्द का वाच्यार्थ है-अनुभूत अर्थ को विषय करने वाला ज्ञान । ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि अनुभूत अर्थ को विषय करने के कारण गृहीतग्राही होने से स्मृति अप्रमाण हो जायेगी । क्योंकि स्मृति में भिन्न प्रकार का ज्ञान पाया जाता है । प्रत्यक्ष में वस्तु का जैसा विशदरूप से प्रतिभास होता है वैसा स्मृति में नहीं होता है । स्मृति में तो अनुभूत अर्थ का प्रतिभास अविशदरूप से होता है । यदि अनुभूत अर्थ को विषय करने के कारण स्मृति अप्रमाण है तो अनुमान से अग्नि को जान लेने के बाद अग्नि का जो प्रत्यक्ष से ज्ञान होता है वह भी अप्रमाण हो जायेगा । स्मृति के विषय में विसंवाद भी नहीं पाया जाता है । किसी ने पृथिवी के अन्दर धन आदि का निक्षेप कर दिया और कालान्तर में स्मृति के द्वारा उसकी प्राप्ति हो जाती है । अतः अविसंवादक होने से स्मृति प्रमाण है। यदि कहीं विसंवाद देखा जाता है तो वह प्रत्यक्षाभास की तरह स्मृत्याभास है । समारोप का व्यवच्छेदक. होने के कारण भी स्मृति प्रमाण है । लोकव्यवहार में स्मृति के आधार पर अनेक कार्य सम्पन्न होते हैं । इत्यादि अनेक कारणों से स्मृति में प्रामाण्य सिद्ध होता है। ___ अब प्रत्यभिज्ञान के स्वरूप और कारण को बतलाने के लिए सूत्र कहते हैं दर्शनस्मरणकारणकं सङ्कलनं प्रत्यभिज्ञानम् । तदेवेदं तत्सदृशं तद्विलक्षणं तत्प्रतियोगीत्यादि ॥५॥ वर्तमान पर्याय का दर्शन और पूर्व पर्याय का स्मरण होने से दोनों पर्यायों ( अवस्थाओं ) का संकलनरूप ( एकत्व, सादृश्य आदि के ग्रहणरूप ) जो ज्ञान होता है उसे प्रत्यभिज्ञान कहते हैं।
SR No.002226
Book TitlePrameykamalmarttand Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherPrachya Shraman Bharati
Publication Year1998
Total Pages340
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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