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________________ ७८ छेदसुत्ताणि सूत्र २२ मासियं गं भिक्खु-पडिमं पडिवनस्सनो कप्पति सीओदग-वियडेण वा उसिणोदग-वियडेण वा हत्थाणि वा, पायाणि वा, दंताणि वा, अच्छीणि वा, मुहं वा, उच्छोलित्तए वा, पधोइत्तए वा, नन्नत्थ लेवालेवेण वा भत्तमासेण वा। मासिकी भिक्षु-प्रतिमा-प्रतिपन्न अनगार को विकट शीतोदक या विकट उष्णोदक (अचित्त शीतल या उष्ण जल) से हाथ, पैर, दाँत, नेत्र या मुख एकबार धोना अथवा बार-बार धोना नहीं कल्पता है। केवल मल-मूत्रादि से लिप्त शरीर के अवयव और भक्त-पानादि से लिप्त हाथ-मुँह को छोड़कर। सूत्र २३ मासियं णं भिक्खु-पडिमं पडिवनस्स नो कप्पति आसस्स वा, हथिस्स वा, गोणस्स वा, महिसस्स वा, सीहस्स वा, वग्घस्स वा, वगस्स वा, दीवियस्स वा, अच्छस्स वा, तरच्छस्स वा, परासरस्स वा, सीयालस्स वा, विरालस्स वा, केकित्तियस्स वा, ससगस्स वा, चिक्खलस्स वा, सुणगस्स वा, कोलसुणगस्स वा, दुट्ठस्स वा आवयमाणस्स पयमवि पच्चोसक्कित्तए । अदुट्ठस्स आवयमाणस्स कप्पइ जुगमित्तं पच्चोसक्कित्तए। ___ मासिकी भिक्षु-प्रतिमा-प्रतिपन्न अनगार के सामने (विहार करते समय) अश्व, हस्ती, वृषभ, महिष, सिंह, व्याघ्र, वृक (भेड़िया), द्वीपि (चीता), अक्ष (रीछ), तरक्ष (तेंदुआ), पराशर (वन्य पशु.), शृगाल, विडाल, केकित्तक (सर्प), शशक चिक्खल (वन्य पशु), शुनक (श्वान), कोलशुनक (जंगली शूकर) आदि दुष्ट (हिंसक) प्राणी आ जाये तो उनसे भयभीत होकर एक पैर भी पीछे हटना नहीं कल्पता है। ___ यदि कोई दुष्टता रहित पशु (गाय, भैंस आदि) मार्ग में सामने आ जाए तो (उसे जाने देने के लिए) युग-परिमाण (चार हाथ) पीछे हटना कल्पता है । सूत्र २४ मासियं णं भिक्खु-पडिमं पडिवन्नस्सकप्पति छायाओ "सीयं ति" नो उण्हं इयत्तए, उण्हाओ "उण्हं ति" नो छायं इयत्तए। जं जत्थ जया सिया तं तत्थ तया अहियासए ।
SR No.002225
Book TitleChed Suttani Aayar Dasa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanahaiyalalji Maharaj
PublisherAagam Anyoug Prakashan
Publication Year1977
Total Pages210
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashashrutaskandh
File Size13 MB
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