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________________ इस प्रकार समझाने पर वह रुग्ण व्यक्ति और उसके अभिभावक अंग छेदन के लिए सहमत हो जावें तो भिषगाचार्य का कर्तव्य है कि अंग-उपांग का छेदन कर शेष शरीर एवं जीवन को व्याधि और अकाल मृत्यु से बचावें। - इस रूपक से आचार्य आदि भी अणगार को यह समझा कि दोष प्रतिसेवना से आपके उत्तर गुण इतने अधिक दूषित हो गये हैं अब इनकी शद्धि आलोचनादि सामान्य प्रायश्चित्तों से सम्भव नहीं है। यदि आप चाहें तो प्रतिसेवना काल के दिनों का छेदन कर आपके शेष संयमी जीवन को सुरक्षित किया जाय । अन्यथा न समाधिमरण होगा और न भव-भ्रमण से मुक्ति होगी। इस प्रकार समझाने पर वह अणगार यदि प्रतिसेवना का परित्याग कर छेद प्रायश्चित्त स्वीकार करे तो आचार्य उसे आगमानुसार छेद प्रायश्चित्त देकर शुद्ध करे। छेद प्रायश्चित्त से केवल उत्तर गुणों में लगे हए दोषों की ही शुद्धि होती है। मूलगुणों में लगे हुए दोषों की शुद्धि मूलाह आदि तीन प्रायश्चित्तों से होती है। ____ इन छेद सूत्रों का अर्थागम विस्तृत व्याख्यापूर्वक स्वयं वीतराग भगवन्त ने समवसरण में चतुर्विध संघ को एवं उपस्थित अन्य सभी आत्माओं को श्रवण कराया था। ऐसा उपसंहार सूत्र से स्पष्टीकरण हो जाता है अतः इन सूत्रों की गोपनीयता स्वतः निरस्त हो जाती है । छेद सूत्रों के सम्पादन में सबसे बड़ी कठिनाई यह है कि केवल मूल के अनुवाद से सूत्र का हार्द स्पष्ट नहीं होता है अतः मैंने भाष्य का अध्ययन करके सूत्र का भाव समझने के लिए सर्वत्र परामर्श दिया है। अन्य भी कई कठिनाइयां हैं जिनका उल्लेख यहाँ उचित नहीं है। ___ आयारदशा के इस संस्करण की भूमिका मेरे चिर-परिचित पण्डितरत्न श्री विजय मुनि जी ने मेरे आग्रह को मान देकर लिखी है, अतः उनका यह सहयोग मेरे लिए चिरस्मरणीय रहेगा। अन्त में मैं उन सब सहयोगियों का कृतज्ञ हूं जो इस पुण्य यज्ञ की सफलता में सहयोगी बने हैं। अनुवाद का सहयोग पं० हीरालाल जी शास्त्री, ब्यावर ने किया और पं० रत्न श्री रोशन मुनि जी ने तथा श्री विनय मुनि ने प्रार्थनाप्रवचन एवं अन्य आवश्यक कृत्य करके अधिक से अधिक समय का लाभ लेने दिया अतः इनका विशेष रूप से कृतज्ञ हूँ। अनुयोग प्रवर्तक मुनि कन्हैयालाल 'कमल'
SR No.002225
Book TitleChed Suttani Aayar Dasa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanahaiyalalji Maharaj
PublisherAagam Anyoug Prakashan
Publication Year1977
Total Pages210
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashashrutaskandh
File Size13 MB
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