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________________ 11 (१४८) ॥ नवतत्वविस्तरार्थः ॥ ॥ ६ द्रव्यमां सप्रदेशी कोण अने अप्रदेशी कोण? ॥ ६ द्रव्यमां धर्मास्तिकायादि ४ द्रव्यना स्कंध देश अने प्रदेश "धम्माऽधम्माऽऽगासा" ए गाथामां कहेल छे, अने जीव पण असंख्य प्रदेशनो पिंड कह्यो छ माटे ए ५ द्रव्य सप्रदेशी-प्रदेश युक्त, अने काळ अप्रदेशी छे, ॥६ द्रव्यमां एक कोण अने अनेक कोण ? ॥ सर्व जगतमा धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, अने आकाश पत्रण ढव्य एकेक छे, अने ' जीव अने 'पुद्गल अनंत होवाथी तथा काळ (समय) पण अनंत होवाथी जीव अने काळ अनेक छे. ॥६ द्रव्यमां क्षेत्र कोण अने क्षेत्री कोण? ॥ जेमां पदार्थ रहे ते क्षेत्र (-आधारभूत ते क्षेत्र ) कहवाय, अ. ने तेमा रहला पदार्थों क्षेत्री कहेवाय. आकाशमां सर्व पदार्थ (द्रम्य) रहेलां छे. माटे आकाश द्रव्य क्षेत्र अने शेष ५ द्रव्य क्षेत्री छे. ॥ ६ द्रव्यमा सक्रिय अने अक्रिय कोण ? ॥ - गति वगेरे क्रिया करनार जे द्रव्य ते सक्रिय (-क्रिया सहित ) अने गत्यादि क्रिया रहित ते अक्रिय कहेवाय. त्यां जीर अने पुद्गल बे द्रव्य गति वगेरे क्रियावाळां होवाथी सक्रिय. अने शेष चार द्रव्य अक्रिय छे, ॥६ द्रव्यमा नित्य अने अनित्य कोण ? ॥ सदाकाळ एकज अवस्थामा रहेनार जे शाश्वत पदार्थ ते नि १ सूक्ष्म साधारण वनस्पतिकाय जीवो अने सिद्ध अ. मंत होषाथी. . २ परमाणु अनंत छ, द्विप्रदेशी स्कंधो अनंत छे यावत् अनंत प्रदेशी स्कंधो सुधीना सर्व स्कंधो अनंत अनंत छे माटे ३ निश्चयनये ६ ए द्रव्य नित्य छे. अने अनित्य पण न्छे
SR No.002215
Book TitleNavtattva Vistararth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Granth Prakashak Sabha
PublisherJain Granth Prakashak Sabha
Publication Year1923
Total Pages426
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, B000, & B010
File Size7 MB
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