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· ॥ अजीवतत्त्वे परमाणुस्वरूपविवेचनम् ॥
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उत्तर-प्रथम कही गया मुजब काळ ए प्रदेश समुदायात्मक द्रव्य नथी पण पांच द्रव्योनी वर्तनादि पर्यायरूप गुणने उपचारथी काळद्रव्य गानेल छे तो पछी अणुरहित काळना किंधादि केम होइ शके, अने कामना प्रदेशो ( अणुओ) नहिं होवाधीज गाथामां पण काळ एकज द्रव्य भेदरूपे गणेल छे. अने शास्त्रकारी काळने अस्तिकाय-प्रदेशनो समूह नहि होवाथी कालाऽस्तिकाय कहेता नथी पण मात्र " काल ' ए शब्दथीज ओळखे छे. __शंका-प्रदेश अने परमाणुमां तफावत शुं ?
'उत्तर-प्रदेश अने परमाणुमा तफावत मात्र एटलोज छे के स्कंधने वळगेलो होय तो प्रदेश, अने स्कंधथी छूटो अणु होय तो परमाणु कहेवाय. .
शंका-प्रदेश मोटो के परमाणु मोटो ?
उत्तर-प्रदेश अने परमाणु बे सरखा कदनाज छे. किंचित् मात्र पण नाना मोटा नथी, तोपण स्कंध प्रतिवद्ध होवाथी प्रदेश अने छूटापणाने लइने परमाणु एवो व्यपदेश अवस्था भेदने अंगे छे. जेम कोइक कन्या पियरमां होयतो दीकरी अने तेज कन्या सासरे जायतो बहु बहेबाय छतां ते कायरामा कोइ जातनो तपा: वत मनातो नथी तेम छूटो अणु ते परमाणु अने स्कंध प्रतिबद्ध अ णु ते प्रदेश कहेवाय पण कद अथवा आकारमां कंइ तफावत पंडे नहिं. . . ए परमाणु अने प्रदेश बन्ने पुद्गल द्रव्यना निर्विभाज्य भाग छे, एटले ए परमाणु अथवा प्रदेशनावे विभाग न कापी शकाय, का. रण के पुद्गल द्रव्यनो अन्त्य विभाग तेज परमाणु के, बजोए परमाणु अति तीक्ष्ण शस्त्रथी छेदाय नहि, अग्निमांबळे नहि. पवनथी उडे नहि, जळथी भीजाय नहि, एवो अति मूक्ष्म छे, पुनः ए परमाणुनी गति (बच्चे पहाड पर्वनथी पश) कोइपी रोकाय नहिं एवो 'अप्रतिहत