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________________ 884 श्री आचाराङ्ग सूत्र, प्रथम श्रुतस्कंध उत्कट आसन से सूर्य के सम्मुख स्थित होकर ध्यानस्थ होते थे और रूक्ष आहार से अपने जीवन का निर्वाह करते थे। आहार का मन एवं इंद्रियों की वृत्ति पर भी असर होता है। प्रकाम आहार से मन में विकार जागृत होता है और इन्द्रियां विषयों की ओर दौड़ती हैं। इसलिए साधक के लिए प्रकाम-गरिष्ठ आहार के त्याग का विधान किया गया है। साधक केवल शरीर का निर्वाह करने के लिए आहार करता है और वह रूक्ष आहार से भली-भांति हो जाता है। उससे मन में विकार नहीं जागते और इन्द्रियां भी शांत रहती हैं जिससे साधना में तेजस्विता आती है, आत्म-चिन्तन में गहराई आती है। अतः पूर्ण ब्रह्मचर्य के परिपालक साधु को सरस, स्निग्ध आहार नहीं करना चाहिए। उसके लिए रुक्ष आहार सर्व-श्रेष्ठ है। भगवान महावीर ने ओदन-चावल, बेर के चूर्ण एवं कुल्माष आदि का आहार किया था। यह ओदन आदि का आहार भगवान ने आठ महीने तक किया और इसी बीच एक महीने तक निराहार रहे, पानी भी नहीं पिया। इससे उनकी निःस्पृह एवं अनासक्त वृत्ति का स्पष्ट परिचय मिलता है। वे समय पर जैसा भी रूखा-सूखा आहार उपलब्ध हो जाता, वैसा ही अनासक्त भाव से कर लेते थे। ___प्रस्तुत गाथा में प्रयुक्त ‘अद्धमासं अदुवा मासंपि' की व्याख्या करते हुए वृत्तिकार । आचार्य शीलांक ने लिखा है कि भगवान ने एक महीने की तपस्या में पानी पिया था। और प्रदीपिकाकार ने लिखा है कि उन्होंने महीने की तपस्या में पानी नहीं पिया। इन दोनों में प्रदीपिकाकार का कथन संगत प्रतीत होता है। उपाध्याय पार्श्वचन्द्र जी ने भी प्रदीपिका के मत का अनुसरण किया है। आगे की गाथा से भी जल पीने का निषेध सिद्ध होता है। इससे ऐसा लगता है कि वृत्तिकार के प्रमाद से 'न पीतवान' में 'न' छूट गया हो। अब भगवान के विशिष्ट तप का वर्णन करते हुए सूत्रकार कहते हैंमूलम् - अवि साहिए दुवेमासे अदुवा छप्पिमासे विहरित्था। राओवरायं अपडिन्ने अन्न गिलायमेगया भुजे॥6॥ 1. तथा पानमप्यर्द्धमासमथवा मासं भगवान् पीतयान्। -आचाराङ्ग वृत्ति 2. तथा पानमप्यर्द्धमासमथवा मासं भगवान् न पीतवान्। -आचाराङ्ग प्रदीपिका .
SR No.002206
Book TitleAcharang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Shiv Muni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2003
Total Pages1026
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size19 MB
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