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________________ तृतीय अध्ययन, उद्देशक 3 503 इससे आत्मदृष्टि का धुंधलापन दूर होता है। आत्मा बाह्य द्रष्टा ही न रहकर आत्म-द्रष्टा बन जाता है। अज्ञान के छिद्र नहीं रह पाते हैं। ____-चारित्रमोहनीय कर्म का देशतः या सर्वतः क्षयोपशम करने से आत्मा को देश एवं सर्व चारित्र-श्रावकत्व एवं साधुत्व की प्राप्ति होती है। इससे अव्रत के द्वार बन्द हो जाते हैं। _ 'सन्धि' शब्द की व्युत्पत्ति इस प्रकार की गई है-'सन्धनम् सन्धिः -स च भाव सन्धिर्ज्ञानदर्शनचारित्राध्यवसायस्य कर्मोदयात त्रुटयतः पुनः सन्धाम्मीलनम्', अर्थात् स्खलित होते हुए ज्ञान, दर्शन, चारित्र का पुनः संयोजन करना भाव सन्धि है। - सन्धि का अर्थ अवसर भी किया जाता है। संध्या एवं उषा काल को-दिन की समाप्ति एवं रात के प्रारम्भ तथा रात की समाप्ति एवं दिन के उदय का संयोग काल होने से सन्धि काल कहलाते हैं। इसी प्रकार धर्म या सद्ज्ञान, अधर्म या अज्ञान रूप निशा का अवसान और आत्म विकास का उदय काल होने से उसे भाव सन्धि कहा है। इस दृष्टि से धर्म अनुष्ठान के अवसर को जानना भी सन्धि का परिज्ञान करना कहा जाता है। - प्रस्तुत सूत्र में 'सन्धि' शब्द का प्रयोग इसी अर्थ में हुआ है। क्योंकि ज्ञानावरण, दर्शनावरण एवं दर्शन और चारित्रमोहनीयकर्म का क्षयोपशम होने पर ही आत्मा में धर्म की भावना उबुद्ध होती है और मनुष्य अपने अन्दर झांकने लगता है-आत्मद्रष्टा बनता है। यहीं से जीवन का अभ्युदय आरम्भ होता है। वह अपनी आत्मा के समान ही दूसरे प्राणियों की आत्मा को देखने लगता है और उसे यह अनुभूति होती है कि मेरे समान प्रत्येक प्राणी को सुख प्रिय है एवं दुःख अप्रिय है। ___जब व्यक्ति आत्मद्रष्टा होता है तो वह स्वतः हिंसा आदि दोषों से निवृत्त हो जाता है। उसे हिंसा आदि दोषों से बचने के लिए व्यवहार, भय और लज्जा की अपेक्षा नहीं रहती, परन्तु जिस व्यक्ति की अन्तर दृष्टि कुछ धूमिल है, वह एक दूसरे के भय एवं लज्जा से हिंसा आदि पाप कर्म का सेवन नहीं करता है। तो वहां यह प्रश्न उपस्थित होता है कि क्या उसमें मुनित्व है? इसका समाधान नकार की भाषा में दिया गया है।
SR No.002206
Book TitleAcharang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Shiv Muni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2003
Total Pages1026
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size19 MB
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