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________________ 499 तृतीय अध्ययन, उद्देशक 2 .. गंथं परिण्णाय इहऽज्ज! धीरे, सोयं परिण्णाय चरिज दंते। उम्मज्ज लद्धमिह माणवेहिं, नो पाणिणं पाणे समारभिज्जासि त्तिबेमि॥8॥ छाया- क्रोधादि मानं हन्याच्चवीरः, लोभस्य पश्य! नरकं महान्तम् । तस्माच्च वीरः विरतो वधात्, छिंद्यात् शोकं लघुभूतगामी॥ ग्रन्थं परिज्ञाय इहाद्यैव धीरः स्त्रोतः परिज्ञाय चरेद् दान्तः। उन्मज्ज लब्ध्वा इह मानवैः, नो प्राणिनां प्राणान् समारंभेथाः॥ - इति ब्रवीमि॥ पदार्थ-कोहाइ-क्रोधादि। य-तथा। माणं-मान को। वीरे-वीर पुरुष। हणिया-हनन करे-क्रोध, मान, माया को नष्ट करे और। लोभस्स-हे शिष्य! तू लोभ को, लोभ के विपाक को। पासे-देख तो। महंत-महान्। नरयं-नरक का कारण है। तम्हा-इसलिए। य-समुच्चय अर्थ में। वीरे-वीर पुरुष। वहाओ-वध हिंसा से। विरयो-निवृत्त हो जाए, और। लहुभूयगामी-मोक्ष गमन की इच्छा करने वाला साधक। छिंविज्ज सोयं-भाव स्रोत को छेदन करे, अब उपदेश विषय में कहते हैं। गंथं-परिग्रह को। परिण्णाय-ज्ञ परिज्ञा से। जानकर तथा प्रत्याख्यान परिज्ञा से त्याग कर दिया है, जिसने। धीरे-वह धैर्यवान। इहज्ज-इस मनुष्य लोक में। अज्ज-अति शीघ्रता से। सोयं-संसारस्रोत विषय स्रोत को। रिण्णायजानकर और। दंते-दमेनन्द्रिय होकर इन्द्रियों का दमन कर। चरिज्ज-संयम का आचरण कर। उम्मज्ज-तैरने का मार्ग। लद्धं-प्राप्त होने पर वह। इह-इस। माणवेहि-मनुष्य लोक में। पाणिणं-प्राणियों के। पाणे-प्राणों का। नो समारंभिज्जासि-समारम्भ न करे। त्तिबेमि-इस प्रकार मैं कहता हूँ। - मूलार्थ-वीर पुरुष क्रोध और मानादि का विनाश करे तथा महान नरक आदि के हेतु भूत लोभ को देखे, लोभ यह महान नरकादि दुःखों का कारण है ऐसा अनुभव करे, इसलिए वीर पुरुष को वध से निवृत होना चाहिए तथा मोक्ष गमन की इच्छा रखने वाला साधक प्रथम भाव स्रोत को छेदन करे तथा इस लोक में दुःख का मूल कारण धनादि पदार्थ ही हैं, ऐसा जानकर उनका-धनादि का तत्काल परित्याग कर दे, एवं भाव स्रोत को जानकर इन्द्रियों का दमन करता हुआ संयम को धारण करे, और इस लोक में तरने का मार्ग प्राप्त करके प्राणियों की हिंसा न करे, इस प्रकार मैं कहता हूं।
SR No.002206
Book TitleAcharang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Shiv Muni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2003
Total Pages1026
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size19 MB
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