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अध्यात्मसार : 6
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आचरणयोग्य महत्त्वपूर्ण बातें :
किसी भी क्रोधी व्यक्ति को क्षमा से जीत सकते हो। अगर क्रोध से जीतोगे तो तुम हार जाओगे। अहंकारी व्यक्ति को विनम्रता से जीत सकते हैं, वैसे ही मायावी व्यक्ति को सरलता से जीत सकते हैं। लोभी को वीतरागता एवं धैर्य से जीत सकते हैं। यह प्रतिदिन अपने आप में अवलोकन करना कि मैंने कहाँ-कहाँ क्रोध के सामने
क्रोध किया, कहाँ-कहाँ मान के समाने मान-इसका दिन में एक बार अवश्य ध्यान . करना। मान को मान से जीतने से विरोध और बढ़ता है।
___ चार प्रकार के लोग : जो जाति व्यवस्था है, वह व्यक्ति के स्वभाव के अनुसार है, व्यक्ति के स्वभाव को समझ गये तो उसे समझना बहुत सरल हो जाता है।
ब्राह्मण-ज्ञान की भाषा से समझते हैं। क्षत्रिय-प्रेम की भाषा से समझते हैं। वैश्य-बुद्धि प्रधान होते हैं। वे बुद्धि से समझते हैं। शूद्र-दण्ड' से समझते हैं।
ये चार प्रकार के लोग दुनिया में होते हैं। अनुशासन करते समय या उन्हें जीतते . समय उपर्युक्त बातों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति को सहज में ही जीता जा सकता है। अनुशासन में कषाय नहीं है, कठोरता एवं दृढ़ता है।
- गणनायक के कर्तव्य : महत्त्वपूर्ण है त्याग और बलिदान। खाना और झपटना तो सभी जानते हैं, इसमें कोई बहादुरी नहीं है। मूल्य त्याग का है। व्यक्ति में जितना ही निस्वार्थ प्रेम का विकास होता है, व्यक्ति उतना ही उच्चता को प्राप्त होता है। ___ घर में सर्वप्रथम स्थान माँ का है, उसके बाद पिता का, क्योंकि माँ सबका खयाल रखती है। सबको खाना खिलाकर बाद में खाती है। सबकी रुचि को ध्यान में रखती है। अपनी रुचि और अपने विचार उसके लिए गौण रहते हैं। इसी प्रकार गणनायक को होना चाहिए स्वयं के स्वार्थ का पूर्णतः त्याग करने वाला। __ आहार सम्बन्धी कर्त्तव्य : गणनायक को देखना चाहिए कि सभी मुनिजनों को यथायोग्य गवेषणीय आहार मिला या नहीं, तत्पश्चात् स्वयं आहार करें। प्रथा यह है कि बड़े साधु को प्रथम आहार दिया जाता है, यह लघु जनों की विनय है। लेकिन ..