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________________ 36 में उसी शैली का अनुसरण किया है । यदि अन्य आगमों के विवेचन में भी इस शैली का उपयोग किया जाए तो श्रुत साहित्य का गौरव अधिक बढ़ सकता है। प्रस्तुत विवेचन की आवश्यकता आचारांग सूत्र इतना गम्भीर एवं महत्त्वपूर्ण है कि इस पर प्राचीन काल से ही. निर्युक्ति, वृत्ति एवं टीका आदि विवेचन लिखे जाते रहे हैं । फिर भी उसका अर्थ अभी तक पूर्णतः स्पष्ट नहीं हो पाया है । और वे प्राचीन विवेचन प्राकृत एवं संस्कृत में हैं, अतः प्राकृत एवं संस्कृत के ज्ञान से रहित व्यक्तियों के लिए उनका कोई उपयोग नहीं रह जाता। कुछ विचारकों ने हिन्दी एवं गुजराती भाषा में भी अनुवाद किया है। फिर भी यह विषय इतना गम्भीर है कि इसका जितना विवेचन किया जा सके, उतना ही कम है । इस दृष्टि से मैंने दशवैकालिक, उत्तराध्ययन, दशाश्रुतस्कन्ध और अनुत्तरोपपातिक सूत्र के विवेचन एवं अनुवादादि से अवकाश मिलते ही आचारांग का लेखन कार्य प्रारम्भ कर दिया। इसमें इस बात का पूरा ख्याल रखा गया कि विवेचन की भाषा सरल - सुगम हो और अर्थ पूरी तरह स्पष्ट हो, जिससे प्रत्येक हिन्दी-भाषी लाभ उठा सके । अतः मैंने मूल के साथ छाया, पदार्थ और मूलार्थ देकर, उस पर विशद विवेचन भी कर दिया है। विवेचन में सूत्र के मूल भावों को स्पष्ट करने का विशेष प्रयत्न किया गया है। सहायक ग्रन्थ प्रस्तुत विवेचन करते समय मुझे जो सामग्री उपलब्ध हुई, उसका मैंने उन्मुक्त हृदय से उपयोग किया। परन्तु इसमें शीलांकाचार्य की टीका को प्रमुख स्थान दिया गया है । क्योंकि वर्त्तमान में उपलब्ध टीकाओं में यह सबसे विशद, प्रौढ़ एवं प्राचीन है। इसके अतिरिक्त जिनसिंहसूरि कृत आचारांग प्रदीपिका, पार्श्वचन्द्रसूरि कृत आचारांग बालावबोध टीका (गुजराती), एक अज्ञात लेखक का आचारांग टब्बा और प्रो. रवजी भाई देवराज का मूल सहित आचारांग अनुवाद का भी सहयोग लिया गया है। प्रस्तुत विवेचन के लेखन कार्य में जिन ग्रंथों का सहयोग है, उनके लेखकों का आभारी हूं । इस तरह अनेक ग्रंथों का अवलोकन करके प्रस्तुत विवेचन को हर तरह से उपयोगी बनाने का प्रयत्न किया गया है । और इसमें इस बात का पूरा ख्याल रखा
SR No.002206
Book TitleAcharang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Shiv Muni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2003
Total Pages1026
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size19 MB
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