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पहुंच सका, तंब उसने रोहक से पूछा-"तू ने इसका क्या निर्णय किया?" रोहक ने कहा"देव ! दोनों बराबर होते हैं।" यह कह कर रोहक पुनः सो गया।
१४. पांच पिता-रात बीत जाने पर सूर्योदय से पहले जब मंगल वाद्य बजने लगे तब राजा जागरुक हुआ। उसने रोहक को आवाज दी, किन्तु रोहक गाढ़ निद्रा में सो रहा था। उत्तर न मिलने पर राजा ने अपनी छड़ी से उसे कुछ स्पर्श किया। रोहक झट जाग उठा। राजा ने पूछा-"अब क्या सोच रहा है?" रोहक ने कहा- "मैं यह सोच रहा हूं कि आपके कितने पिता हैं?" रोहक की इस अश्रुतपूर्व बात को सुनकर राजा लज्जावश कुछ क्षण मौन रहा । उत्तर न मिलने से राजा ने रोहक से पूछा-"अच्छा तो तुम्हीं बताओ, मैं कितनों का पुत्र हूं?"
रोहक ने कहा-"आप पांच से पैदा हुए हैं।" राजा ने पूछा-"किन-किन से?" रोहक ने कहा-"एक तो वैश्रवण से। क्योंकि आप कुबेर के समान उदार चित्त हैं, दान शक्ति आप में सबसे बढ़कर है। दूसरे चण्डालं से। क्योंकि वैरी समूह के प्रति आप चण्डाल के समान क्रूर हैं। तीसरे धोबी से। क्योंकि जैसे धोबी गीले कपड़े को खूब अच्छी तरह निचोड़ कर सारा पानी निकाल देता है, उसी तरह आप भी देशद्रोही एवं राजद्रोहियों का सर्वस्व हर लेते हैं। चौथे बिच्छू से। क्योंकि जैसे बिच्छू डंक मार कर दूसरों को पीड़ा पहुंचाता है, वैसे ही मुझ निद्राधीन बालक को आपने छड़ी के अग्रभाग से जगाकर बिच्छू के समान कष्ट दिया है। पांचवें अपने पिता से। क्योंकि आप अपने पिता के समान ही न्यायपूर्वक प्रजा का पालन कर रहे हैं।"
- रोहक की उपर्युक्त वार्ता सुनकर राजा अवाक रह गया। प्रातः शौच-स्नानादि से निवृत्त होकर राजा माता को प्रणाम करने गया। प्रणाम करने के पश्चात् रोहक की कही हुई सारी बात माता से कह दी और पूछा-"यह बात कहां तक सत्य है?" माता ने उत्तर दिया-"पुत्र ! विकारी इच्छा से देखना ही यदि तेरे संस्कार का कारण हो, तो ऐसा अवश्य हुआ है। जब तू गर्भ में था, तब मैं एक दिन कुबेर की पूजा करने गई थी। उसकी सुन्दर मूर्ति को देखकर, तथा वापिस लौटते हुए मार्ग में धोबी और चण्डाल युवक को देखकर मेरी भावना विकृत हो गई थी। घर आने पर एक जगह किसी बहुत बड़े बिच्छू युगल को रति क्रीड़ा करते हुए देखा
और उससे भी किंचिन्मात्र भावना विकृत हो गई। वस्तुतः तुम्हारे जनक सकल जगत्प्रसिद्ध एक ही पिता हैं?" यह सुनकर राजा रोहक की अलौकिक बुद्धि का चमत्कार देखकर आश्चर्यचकित हुआ। माता को प्रणाम कर राजा अपने महल में लौट आया। उसने रोहक को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया। ये उपर्युक्त चौदह उदाहरण रोहक की औत्पत्तिकी बुद्धि के हैं।
1-भरतशिला का उदाहरण पहले दिया जा चुका है। २. पणित-(प्रतिज्ञा-शर्त)-किसी समय कोई ग्रामीण किसान अपने गांव से ककड़ियां
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