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3. मध्यम अवगाहना से सिद्ध हुए, उनसे असंख्यात गुणा । प्रकारान्तर से सात हाथ की अवगाहना से सिद्ध हुए, सबसे थोड़े । पाचं सौ धनुष्य की अवगाहना से सिद्ध हुए विशेषाधिक।
११. उत्कृष्टद्वार
1. सम्यक्त्व पाकर प्रतिपाति नहीं हुए, वे सिद्ध सबसे थोड़े ।
2. जो सम्यक्त्व से संख्यात काल तक प्रतिपाति होकर सिद्ध हुए, वे सिद्ध उनसे असंख्यात गुणा अधिक ।
3. असंख्यात काल प्रतिपाति होकर सिद्ध हुए, वे सिद्ध उनसे असंख्यात गुणा अधिक । 4. अनन्तकाल प्रतिपाति होकर सिद्ध हुए, उनसे असंख्यात गुणा अधिक।
१२. अन्तरद्वार
1. छ: मास का अन्तर पाकर सिद्ध हुए, सबसे थोड़े।
2. एक समय का अन्तर पाकर सिद्ध हुए, उनसे संख्यात गुणा ।
3. दो समय का अन्तर, तीन समय का अन्तर और चार समय का अन्तर पाकर सिद्ध हुए, संख्यात गुणा यावत् तीन मास तक संख्यात गुणा कहना। तत्पश्चात् संख्यात गुणहीन कहना यावत् छः मास तक ।
१३. अनुसमयद्वार
1. आठ समय तक निरन्तर सिद्ध हुए, सबसे थोड़े ।
2. सात समय तक निरन्तर सिद्ध हुए, संख्या गुणा ।
3. छ: समय तक निरन्तर सिद्ध हुए, उनसे संख्यात गुणा । इसी प्रकार 5, 4, 3, 2, 1, समय निरन्तर सिद्ध हुए, क्रमशः उनसे संख्यात गुणा ।
१४. गणनाद्वार
1. एक समय में 108 सीझे हुए सिद्ध, सबसे थोड़े ।
2. एक समय में 107 सीझे हुए, उनसे अनन्त गुणा ।
3. एक समय में 106 सीझे हुए सिद्ध, उनसे अनन्त गुणा ।
4. एक समय में 105 सीझे हुए, सिद्ध उनसे अनन्त गुणा । इसी पच्छानुपूर्वी से एक-एक समय में, एक-एक कम करते हुए यावत् 50 तक अनन्तगुणा बढ़ाना। उनचास से लेकर छब्बीस तक असंख्यात गुणा कहना । पच्चीस से लेकर यावत् एक तर्क संख्यात गुणा कहना ।
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