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(अनुक्रमणिका)
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206
.
214
132
139/39. मन
141
1. अर्हत्स्तुति
28. वर्द्धमान अवधिज्ञान
202 2. महावीर स्तुति
| 29. अवधिज्ञान का जघन्य क्षेत्र
203 3. संघनगर स्तुति
30. अवधिज्ञान का उत्कृष्ट क्षेत्र 4. संघचक्र स्तुति
31. अवधिज्ञान का मध्यम क्षेत्र
206. 5. संघरथ स्तुति
32. कौन किस से सूक्ष्म है ? . 210 6. संघपद्म स्तुति
33. हीयमान अवधिज्ञान
212 7. संघचन्द्र स्तुति
| 34. प्रतिपाति अवधिज्ञान 8. संघसूर्य स्तुति
35. अप्रतिपाति अवधिज्ञान
. 215 9. संघसमुद्र स्तुति
36. द्रव्यादि क्रम से अवधिज्ञान का निरूपण 217 10. संघ-महामन्दर स्तुति
37. अवधिज्ञान-विषयक उपसंहार 11. प्रकारान्तर से संघमेरू स्तुति
38. अबाह्य-बाह्य अवधि . 220 12. संघस्तुति विषयक उपसंहार
| 39. मन:पर्यवज्ञान 13. चतुर्विंशति जिन स्तुति
140 40. मनःपर्यायज्ञान के भेद 14. गणधरावलि
| 41. मनःपर्यवज्ञान का उपसंहार 247 15. वीरशासन की महिमा .
42. केवलज्ञान
248 16. युगप्रधान स्थविरावलि वन्दन
43. सिद्धकेवलज्ञान .
253 17. श्रोता के चौदह दृष्टान्त
44. अनन्तरसिद्ध केवलज्ञान , 18. तीन प्रकार की परिषद् 175 45. परम्परंसिद्ध-केवलज्ञान
276 19 ज्ञान के पांच भेद
46. केवलज्ञान का उपसंहार
286 20. प्रत्यक्ष और परोक्ष प्रमाण 182 47. वाग्योग और श्रुत
287 21. सांव्यावहारिक और पारमार्थिक प्रत्यक्ष 183 48. परोक्षज्ञान 22. सांव्यावहारिक प्रत्यक्ष के भेद 185 | 49. मति और श्रुत के दो भेद 23. पारमार्थिक प्रत्यक्ष के तीन भेद 186 50. आभिनिबोधिकज्ञान
293 24. अवधिज्ञान के छह भेद 189 | | 51. औत्पत्तिकी बुद्धि का लक्षण 295 25. आनुगामिक अवधिज्ञान
191 | 52. औत्पत्तिकी बुद्धि के उदाहरण 295 26. अन्तगत और मध्यगत में विशेषता _196 | 53. वैनयिकी बुद्धि का लक्षण -322 27. अनानुगामिक अवधिज्ञान 200 / 54. वैनयिकी बुद्धि के उदाहरण .. -322
- *110*
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168
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