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शब्दार्थ-कोषः]
हिन्दीभाषाटीकासहितम् ।
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भवेसुम्भवों में
भविस्ससि हो जायगा ८७५, ६६०, ६६१ | भिक्खमाणा-भिक्षा करते हुए ६११ भविस्सामुम्होंगे
... ६०० | भिक्खमट्टा-भिक्षा के लिए ११०३ भविस्सामो हम भी होंगे अर्थात् धर्म भिक्खं भिक्षा लेंगे ६००, ११०४ में दीक्षित होंगे
६३१ | भिक्खायरिया-भिक्षाचयों और ६१८ भवे-होवें ६२५, ६८८, १०२६
भिक्खारियं-भिक्षाचरी को ६२१ भवेजा होवे
भिक्खायरियाइ-भिक्षाचर्या ८३६
हमारा भी भवोहन्तकरा-भव-संसार-के-प्रवाह- - भिक्खायरिया भिक्षाचरी का करना ७६६
जन्म-मरण-को अस्त करने भिक्खु उत्तमा हे भिक्षुओं में उत्तम ११३७ वाले १०६६ | भिक्खुणा=भिक्षुको
७६२ भसेजा-भ्रष्ट होवे ६६७, ६६६, ६७१, ६७३ | भिक्खू-भिक्षु होता है ६४१, ६४२, ६४३
६७६, ६७८,६८०, ६८१, ६८३, ६८५ | | ६४५, ६४६, ६४७,६४८,६४६, ६५१ भाणू-सूर्य
१०६० ६५२, ६५३, ६५४, ६५६, ६५७, ६५८ भायणंभाजन है
६६०, ६६३, ६६४, ६६५, ६८७, ६८८ भायरो भाई
८८७ ६६१, ६६३, ६६८,८४७, ६३६, ६४० भारहवासं भारतवर्ष को . ७५०, ७५२
६४४, ११०४ : ७५३, ७५६ भिक्खण-भिक्षा से
११३७ भारिया भार्या, जो कि किक भिक्खेणं भिक्षा से
११३७ भावओ-भाव से नमस्कार करके ८६५ | भिचा-भृत्य-सेवा से
६१५ १४०, १०६८, १०७६, १०७७ भित्तन्तरंसि दीवार के अन्तर में ६७५, ६७६ भावभाव ६६० भिन्ना-भेदन की हुई
१०४४ .भावेत्त-भावित करके
८५६ भिन्नो भेदन किया-विदारण किया ८२१
भिन्नो भेदन किया-विदारया नि भावनाहिं भावनाओं से
2३२ भावणभाविया भावना से भावित हुए ६३७ | भीए-डरते हुए भावित्ता-होकर १०२ भीएण=भय से
८३६ भासच्छन्ना-भस्माच्छादित १११६ भीमफलोदया भीम-भयंकर-फलों के भाला भाषा ७४३ ___ देनेहारी
१०४० भासाइ-भाषा में १०० भीमाई-भयंकर
८१२ भासं-भाषा को
१०८० भीमाश्रो भयंकर-श्रवणमात्र से भय भासिज्ज-बोले
१०८० उत्पन्न करने वाली ८११,८३७ भासिया भाषण की
७६७ भीमा रौद्र शब्द . ६५७, ६४०, १०४० भासियंम्भाषण को
E६१ भीमो-भीम, बलवान् १०४५, १०४७ मासिय मापस करना MAY| मीय डरी हुई मासम्माषा
Reve मामयभीत होती हुई
६८२
८२