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२]
हुए
अजाणमाणा = न जानते अजिए =न जीता हुआ अजस्स-आर्य की अणगारसीहं=अनगारों-साधुओं में सिंह के समान - मुनिको ह२२ अणगारस्स=अनगार के
उत्तराध्ययन सूत्रम्
[ शब्दार्थ- कोषः
६०६ | अणावायम् = आगमन से रहित १०८५ २०८६ १०३३ | अणासन्ने=न अति समीप ही
८७०
८६६ | अणाहया = अनाथता है ८८४, ८८५, ८६, ८८७,८८,८१०८६८
७२७, ७३५, ७३६, ११४१
अणगारिय= अनगार भाव को ग्रहण
किया अणगारियं = अनगारवृत्ति को धारण
८६४
लूँ अणगारे = अनगार अणगारो = साधु भी अणगारं = साधु को अट्टा - हिंसादि अणट्ठा किन्ति = जिसकी अकीर्त्ति सर्व प्रकार नष्ट हो चुकी है अणत्थाण= अनर्थो की अणवज= निरवद्य और अणसणे =अन्न के न मिलने पर समभाव है ८५७ अणंतगुणिया=अनन्त गुणा अधिक ८३८
८६१
८६१, ६३३ ७२४, ७२६, ११०३ | अणिचं अनित्य है। ७२६, ७२८ | अणिश्चे=अनित्य
अणारिया=अनार्य हैं। अणावाए = आगमन से रहित
अणागया=अनागतकाल में
अणाबाहं = स्वाभाविक पीड़ा रहित
७२६, ११२५ | अणिमिसाइ = अनिमेष
अणन्त ए = अनन्त अनंतगुणो=अनन्तगुणातीत अणंतसो = अनन्तवार ८११, ८१५, ८१६,
८१४
अणाहयं =अनाथपन
अणा हस्स=अनाथ का अणाहाण = अनाथों के अणाहोमि=मैं अनाथ हूँ अणाहो = अनाथ अणिगम= बहुत ही थोड़ा अणिग्गहे - इन्द्रियों के अधीन
८१७,८२४, ८२६, ८२६, ८३०,
८३१, ८३२ ६८७
| अणान्न = आकीर्णता से रहित
अणा उत्ते= अनुपयुक्त है ७१०, ७१३, ७१४ अणागयं = विना मिले
६१३
७६७
७४६ | अणियन्त कामे कामभोगों से जो निवृत्त नहीं हुआ
१८
CC
६२०
८७२
८७५, ८७७, ८७८, ८७
५६५
७११
७८१
८२६, ७३०
७७४
७६४ अणिस्सिओ =अनिश्चित ५६५ | अणिस्सरो=अनीश्वर होता है। ७६५ अणुअंगीकार करके
|
|
५६६
८५७
६६१
७४७
८५०, ८५१
८७२
६५४
११३७
अणुण्णा = आज्ञा होने पर अणुकरूपगं=अनुकम्पा करने वाला
अणुकंपे= अनुकम्पा
अणुरहं = अनुग्रह अणुजीवंति = जीते हैं उसके किए हुए द्रव्य से जीते हैं अणुजाणह = मुझे श्राज्ञा दो
अणुत्तरं = प्रधान ७५४, ७५५, ७५७, ७५८, ७६३, ८५६, ८६३, ६१६, ६४८, ६६४,
११४१, ११४२
६४८
उपार्जन
७३२
७७६
अणुत्तरे = प्रधान
१०६२, अणुन्नए = अनुन्नत
१०६५ | अणुन्नाए =आज्ञा के मिल जाने पर ७४४ अणुपनिओ =अनुज्ञा माँगता १०८५ | अणुपालिया = पालन करने को ८०१, ८५६
हूँ
७६१
.
६४५
१०१७