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शब्दार्थ-कोषः ]
अणुपुत्र सो=अनुक्रम से अणुबंध=अनुबन्ध अणुमन्नेज=माने अणुमाणित्ता=सम्मत करके अणुविंड = अनुभव करनी अणुरत्ता=मेरे में अनुरक्त और अणुवसंतेणं = अनुपशान्त से, उत्कट कषायवाले से
८०८
१०८६
अणुवघाइए = अनुवघात में अणुव्वया=पतिव्रता अणुसरमाणस्स=अनुस्मरण करनेवाले ६७८
८
अणुसरिता = स्मरण करने वाला अणुसरे जा= स्मरण करे
६१४ |
८६५
६७८ अणुस सिउं = आत्मा को शिक्षित करना ६२० अणुसास=अनुशासन को जो अणुसिट्टि = अनुशिक्षा को . अणुस्साई = अल्प कषाय वाला अगर = अनेक स्थानों में फिरने वाला ८४७ अणेगछन्दाम्=अनेक प्रकार के अभिप्राय ६४० अणेगचारी अनेक स्थानों में बिचरता है ८४८ अणेगवासे = अनेक स्थानों में वास करता
६६०
अगेण=इस के द्वारा अणेगे=अनेक प्रकार के
हिन्दीभाषाटीकासहितम् ।
अणेसणिजं = अनेषणीय आहार अण्णवंसि = समुद्र में अण्णवो = समुद्र
अतरिंसु = भूतकाल में तर गए अतेण - श्रस्तेन अचौर्य कर्म
अथिर=अस्थिर अथिरासणे- अस्थिरासन
१०८६ | अदएन देने से ७८० अदत्तं = बिना दिये
५६३ | अदत्तस्स = विना दिए
८५२ अदिस्साणं = अदृश्य
८६१ अदुवा= अथवा
८ | अधम्मे= सदाचार से रहित है।
| अंधयारे = अन्धकार
८४८ अगसो=अनेक बार ८२०, ८२५, ८२७,८३३ अपरिगाहं = अपरिग्रह अगाओ अनेक २०१४ अपसिवरणेहि = अतसी पुष्प १०३१ वर्ण वालों से ७०० |अपाहेजो= पाथेय रहित ६४१ | अपुणागमं = अपुनरागमन को ६०६ अफला = निष्फल
अणे गाणं अनेक
१०५६ |अबंधनो = स्वजन से रहित मुझे १०५८ | अबंभचेरस्स= ब्रह्मचर्य की ७६७ अबाहं = बाधा रहित
अनंतगुणो=अनन्तगुण अनायं न जानते हुए
अनियाणो = निदान से रहित अनिगाहप्पा = इन्द्रिय निग्रह से रहित अन्तरा=बीच में आधे मार्ग में ६७८ | अन्तरिच्छं-हृदय की वेदना वा भूखप्यास का न लगना
८८२
६४८
अंतलिक्खे = अन्तरिक्ष- आकाश में अंतलिक्खं = अन्तरिक्ष विद्या
६४८
अन्तिए= समीप में ७३५, ७३६, ७६७, ११४१ अंते उरं = अन्तः पुर
अंतो= भीतर
अन्तो= भीतर
अन्धगवसिहणो - समुद्र विजय का पुत्र अंधयारम्भि= अन्धकार में
[ ३
६५३
११२२
७६५
१०१६
६४०
७१२
८१३
दह
६३५ अबीया = अद्वितीय
०२ अभय अभय है
७१३ अभयदाया = अभय देने वाला
८५६
ह
६८०
८७७
६८०
१०३८
६८०
१०५६
-६३५
समान
८२०, ८२१
७८७
६५०
६०६
८१७
७६६
१०६५
८८३
७२
७२६