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उत्तराध्ययनसूत्रम्
[विषय-सूची
जीवन का निश्चय रखने वालाही । आहार पानी न मिलने पर वेष ..
कल का भरोसा कर सकता है ६११ करने वाला न हो .... ६५२ पुत्रों का तत्क्षण धर्मग्रहण करने का | आहार पानी लाकर अनुकम्पापूर्वक सदाग्रह
६१२ समविभाग करने वाला हो तथा भृगु का स्वभार्या ( यशा) के पास नीरस आहार की निन्दा करने
कुमारों के साथ ही दीक्षित होने वाला न हो
का दृढ़ विचार प्रकट करना ६१४ | देवों, मनुष्यों तथा पशुओं के भयाभृगु और यशा का दीक्षा सम्बन्धी नक शब्दों को सुनकर भयभीत संवाद
६ १६ होने वाला न हो , ६५६ कुमारों और भृगु तथा यशा का | सांसारिक लोगों के नाना प्रकार के
दीक्षा सम्बन्धी विचार जानकर विवादों को सुनकर आत्मध्यान । कमलावती रानी का मनोहर से स्खलित होने वाला न हो ६५८ उक्तियों द्वारा इषुकार राजा को शिल्पविद्या द्वारा जीवनयापन करने
भी दीक्षा के लिए तैयार करना ६२२ वाला न हो दीक्षा लेकर राजा, रानी, पुरोहित, प्रत्येक अवस्था में शान्त रहने
उसकी भार्या तथा कुमारों का वाला हो . अनुक्रम से निर्वाण प्राप्त करना ६३६ |
... सोलहवाँ अध्ययन पंद्रहवाँ अध्ययन दस ब्रह्मचर्य समाधि (स्थिरता) के भिक्षु के लक्षण
६४० स्थान ( उपाय) . भिक्षु ज्ञानयुक्त और परिषहों को ब्रह्मचारी के योग्य निवासस्थान ६६६ __ सहन करने वाला हो ६४२ ब्रह्मचारी के लिए स्त्रीकथा का ... कुसंग का परित्याग करने वाला हो ६४४ निषेध स्वर विद्या, अन्तरिक्ष विद्या, लक्षण- ब्रह्मचारी के लिए स्त्रियों के साथ एक
विद्या, अंगविकार विद्या-इत्यादि। आसन पर बैठने का निषेध ६७० विधाओं से जीवन निर्वाह ब्रह्मचारी के लिए स्त्रियों के मनोहर
करने वाला न हो ६४७ अवयवों को देखने का निषेध ६७२ मन्त्रशास्त्र और वैद्यक द्वारा अपनी ब्रह्मचारी के लिए भित्ति आदि के
आजीविका चलाने वाला न हो ६४८ __ अन्तरों से स्त्री सम्बन्धी विविध क्षत्रिय (राजाओं) आदि का यशो- ... शब्दों को सुनने का निषेध ६७४ __गान करने वाला न हो ६५० ब्रह्मचारी के लिए पूर्वकृत कामक्रीड़ा लौकिक फल के लिए गृहस्थों तथा की स्मृति का निषेध ६७७
श्रमणों का संस्तव (विशेष ब्रह्मचारी के लिए प्रणीत (कामो- .. परिचय) न करने वाला तथा । तेजक ) आहार का निषेध ६७९