________________
षोडशाध्ययनम् ]
हिन्दी भाषाटीकासहितम् ।
[ ७०१
हैं कि इस धर्म के अनुष्ठान द्वारा भूतकाल में अनन्त आत्मा सिद्ध गति को प्राप्त हुए, तथा वर्तमानकाल में महाविदेहादि क्षेत्रों में सिद्ध होते हैं और आगामी काल में होंगे। इससे सिद्ध हुआ कि यह धर्म, मुक्ति के साधन का एक मुख्य अंग है । अत: इसका पालन करना प्रत्येक भव्य आत्मा का कर्तव्य है । इसके अतिरिक्त 'त्ति बेमि' का अर्थ पूर्व की भाँति ही समझ • लेना 1
षोडशाध्ययन समाप्त ।