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[जैन विद्या और विज्ञान ।
शरीर रोगों में प्रेक्षा के प्रयोग
प्रेक्षा सिद्धान्त और प्रयोग की आधुनिक शरीर शास्त्र की दृष्टि से हम कुछ बीमारियों और उनके चिकित्सा के संबंध में चर्चा करेंगे। वे हैं - 1. हृदय रोग
2. उच्च रक्तचाप 3. दमा
4. उदर रोग 5. मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) हृदय रोग
आयुर्विज्ञान के अनुसार हृदय रोग विभिन्न प्रकार के हो सकते हैंवाल्व के, मायोकार्डियम के, पेरिकार्डियम के, नाड़ी संचार के व हृदय में रक्त प्रवाह के। आज बोलचाल की भाषा में जिसे हृदय रोग माना जाता है और जो अकाल मृत्यु का कारण बनता है वह है हृदयाघात या हार्ट अटैक (Heart Attack) जिसे मेडिकल भाषा में कारोनरी आरट्री डीजीज कहते हैं। वास्तव में कारोनरी धमनी हृदय में खून का प्रवाह करती है जो दो (बायां व दायां) भागों में अलग-अलग रक्त का संचार करती है। इनमें से किसी भी हिस्से के बंद होने से हार्ट अटैक हो सकता है। खून का दौरा बंद होने के कई कारण होते हैं जिसमें से प्रमुख हैं - इन धमनियों में वसा अथवा कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) का जमाव होना जो धीरे-धीरे धमनी को बंद करता जाता है और धमनी के पूर्ण बंद होने पर हृदयाघात हो जाता है। प्रायः यह अचानक
Left
Right
रुकावट
ETC (Heart)
यह हिस्सा काम करना
बन्द/मृत प्रायः