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प्रेक्षाध्यान और रोग निदान ]
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प्रभाव
हृदय - यह तंत्र वेगस तंत्रिका के जरिए असर करता है। इससे हृदय की गति कम होती है। हृदय की संकुचन क्षमता कम करता है। यह धमनियों को शिथिल करके रक्त चाप कम करता है।
- आमाशय - यह तंत्र आमाशय व आंतों की गति बढ़ाता है तथा मांसपेशियों का संकुचन भी करता है। इसके अतिरिक्त पाचक एन्जाइम्स का स्रावण भी बढ़ाता है।
श्वसन तंत्र - यह तंत्र सांस की नलियों का संकुचन बढ़ाता है तथा स्रावण भी बढ़ाता है।
इसके अतिरिक्त यह तंत्र मूत्र के विसर्जन में प्रमुख भूमिका रखता है।