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________________ [ जैन विद्या और विज्ञान प्रेक्षाध्यान की पद्धति में लेश्या का प्रायोगिक रूप लेश्या ध्यान के रूप में उपलब्ध है। यह ध्यान मानसिक और भावात्मक समस्या सुलझाने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। शारीरिक समस्या को भी सुलझाने के लिए भी कम मूल्यवान नहीं है। कई संस्थानों में कलर थैरेपी भी इलाज का एक माध्यम बन गया है जो यह साबित करता है कि रंगों का जीवन में बहुत महत्त्व है तथा बीमारियों के उपचार में विशेष रंगों का प्रयोग असर कर सकता है। सफेद रंग के चिन्तन से शांति तथा लाल रंग का चिन्तन क्रोध पैदा कर सकता है। इसके अतिरिक्त सभी अलग रंग अपना महत्त्व रखते हैं । यही कलर थैरेपी का सिद्धान्त है और प्रयोग है। विभिन्न चैतन्य केन्द्रों पर विभिन्न रंगों के साथ प्रेक्षा के जो प्रयोग विकसित हुए हैं वे सर्वथा नए हैं अतः - लेश्या ध्यान आचार्य महाप्रज्ञ का मौलिक अवदान है। 252]
SR No.002201
Book TitleJain Vidya aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahaveer Raj Gelada
PublisherJain Vishva Bharati Samsthan
Publication Year2005
Total Pages372
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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