SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 173
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ द्रव्य मीमांसा और दर्शन ] द्रव्यमान में परिवर्तन कर देती है। यह परिवर्तन उस समय महत्वपूर्ण हो जाता है जब वस्तु सूक्ष्म हो। अगर हम आँख से किसी भी वस्तु को देखकर अनुभव करते हैं तो देखने के लिए ऊर्जा अर्थात् फोटॉन्स का व्यापार होना आवश्यक है। जब फोटॉन्स सूक्ष्म पदार्थ से टकराते हैं तो ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है। इसका अभिप्राय यह हुआ कि हम जिस वस्तु का ज्ञान करना चाहते हैं उसके जानने के लिए साधन रूप में काम में ली गई ऊर्जा, उस वस्तु के द्रव्यमान को बदल देती है और हम उस वस्तु का केवल सापेक्ष ज्ञान कर पाते हैं। [143 अनिश्चितता का सिद्धान्त 'अनिश्चितता का सिद्धान्त' जर्मन वैज्ञानिक हाइजनबर्ग की उपज है। इसके अनुसार सूक्ष्म कणों की गति और स्थिति दोनों को एक साथ जानने में सदैव अनिश्चितता रहती है क्योंकि सूक्ष्म पदार्थ, कण तथा तरंग, दोनों रूपों में व्यवहार करते हैं। इसका अभिप्राय यह है कि सूक्ष्म पदार्थ जब कण रूप व्यवहार करता है तो लहर रूप नही करता तथा जब लहर रूप व्यवहार करता है तो कण रूप व्यवहार नही करता । यह ध्यान रहे कि अनिश्चितता, ज्ञाता व्यक्ति को पदार्थ के वर्तमान स्वरूप और उसकी गति को जानने में हो रही है। इस सिद्धान्त की गणितीय सीमा है कि इसे केवल सूक्ष्म पदार्थ पर ही प्रभावी किया जा सकता है। पदार्थ सदैव कण रूप मे व्यवहार नहीं करता । वह तरंग रूप अर्थात् लहर रूप में भी गति करता है। इसके दोहरे • स्वरूप ने विज्ञान की प्रगति को कुछ समय तक रोके रखा। फिर यह स्वीकार किया गया कि जहाँ कण है वहाँ तरंग है और जहां तरंग है वहाँ कण है । विज्ञान के अनिश्चितता के सिद्धान्त की पाठको के लिए स्याद्वाद से तुलना प्रस्तुत है। स्यादवाद को हम तीन स्वतन्त्र अंगो से पहचानते हैं - - (i) अस्ति (ii) नास्ति (iii) अवक्तव्य कण और लहर के वैज्ञानिक उदाहरण की जब हम स्यादवाद की दृष्टि से मीमांसा करते हैं तो यह कहा जा सकता है कि गति करते समय दो स्थितियां बनती है ।
SR No.002201
Book TitleJain Vidya aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahaveer Raj Gelada
PublisherJain Vishva Bharati Samsthan
Publication Year2005
Total Pages372
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy