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द्रव्य मीमांसा और दर्शन ]
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रही हैं। ब्रह्माण्ड फैल रहा है। ब्रह्माण्ड के फैलने और सिकुड़ने की धारणा के कारण यह मत बना कि ये निहारिकाएं जो दूर जा रही हैं वे दस या बीस हजार मिलियन (दस लाख) वर्ष पूर्व, बहुत नजदीक रही होंगी। इतनी नजदीक कि उन्होंने अत्यन्त सूक्ष्म आकाश में अत्यधिक घनत्व एकत्रित कर रखी होगी और एक धमाके (Big Bang) के साथ ही ब्रह्माण्ड की रचना हई होगी। बिग-बैंग के बाद, ब्रह्माण्ड के संबंध में जो नवीनतम
जानकारी है वह पाठकों के लिए प्रेषित है। (v) हाल ही जर्मनी के एक वैज्ञानिक ने कहा है कि ब्रह्माण्ड का
आकार फ्रांस की एफिल टावर जैसा है। अब ब्रह्माण्ड को 'नापने की कोशिश कर रहे खगोल वैज्ञानिकों का कहना है कि यह 156 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी में फैला हुआ है। ब्रह्माण्ड की शरुआत में हए बिग बैंग यानी कॉस्मिक बैकग्राउंड रेडिएशन की प्रतिध्वनि के अध्ययन से प्राप्त डाटा के आधार पर इसके 'विस्तार का आकलन किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रतिध्वनि से इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि शुरुआती अवस्था में यह कैसा रहा होगा और इसका विकास
कैसे हुआ। हाल ही में यह भी पता चला है कि ब्रह्माण्ड 14.7 अरब वर्ष पुराना है। बिग बैंग के बाद से ब्रह्माण्ड का विस्तार लगातार जारी है। अमरीका के मोंटाना स्टेट यूनिवर्सिटी के नील कॉर्निश और उनके सहयोगियों ने फिजिक्स रिव्यू लेटर्स में लिखा है कि शुरुआती ब्रह्माण्ड में प्रकाश द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर इसके विस्तार का आकलन सही नहीं है। उनके अनुसार बिग बैंग के दस लाख साल बाद के ब्रह्माण्ड का आकार अभी से एक हजार गुना कम होगा। सापेक्षवाद और क्वांटम यांत्रिकी
निष्कर्ष के रूप में आज विज्ञान के क्षेत्र में यह बात मान ली गई है कि स्थूल स्तर पर हमारा समस्त व्यवहार न्यूटन के सिद्धान्तों के आधार पर चलता है और वह खरा भी उतरता है। आइंस्टीन का सापेक्षवाद का सामान्य सिद्धान्त गुरुत्वाकर्षण के बल की मीमांसा करता है तथा विशाल ब्रह्माण्ड के स्थायित्व को समझाता है। आधुनिक विज्ञान के पास ब्रह्माण्ड के विवेचन के लिए दो महत्त्वपूर्ण प्रमाणित सिद्धान्त उपलब्ध हैं।