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संग्रहणीसूत्र.
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धनुष्य वे हाथ ने बार अंगुल देहमान बे; तेमां कर सत्त अंगुला सही गुणवीसं के० सात हाथ सादगी अंगुलनो प्रक्षेप करीएं ॥ २२८ ॥ चोथा नरकने पहेले प्रतरे एकत्री धनुष्य ने एक हाथ देहमान बे, तेमांहे पांच धनुष्य ने वीश अंगुल प्रक्षेप करीएं. पांचमा नरके पहेले प्रतरे साढी बासव धनुष्य देहमान बे; तेमांहे पन्नर धनुष्य ने अढी हाथ पक्षेप करीएं. बहा नरके पहेले प्रतरे एकसो ने पचीश धनुष्य देहमान बे; तेमां बासठ धनुष्य ने वे हाथ प्रक्षेप करीएं. पण पुढवी पयरवुड्डीमा के० पांच पृथ्वीना प्रतरोनेविषे ए रीते वृद्धि करीएं ॥ २२५ ॥
दवे सविस्तरपणे देखाडे बे. शर्कराने प्रथम प्रतरे सात धनुष्य ने त्रण हाथ उपर गुल देहमान बे; ते सात धनुष्यना अहावीश हाथ थाय, तेनी साथे उपरना त्रण हाथ लतां एकत्रीश हाथ थाय. तेना अंगुल करवामाटे चोवीशे गुणिएं तेवारे सातसें चुमालीश अंगुल थाय. तेमां उपरना व अंगुल नेलीएं तेवारे सर्व मली सातसे ने पचाश अंगुल थाय. तेने शर्कराना अगीर प्रतरने एके ऊणा करी दशे नाग पीएं वारे एकेके जागे पंचोतर अंगुल यावे, तेना हाथ करवा माटे चोवीशे जाग आपीएं, तेवारे त्रण हाथ ने त्रण अंगुल एटलुं शर्करापृथ्वीना पहेला प्रतरने विषे देहमाननी वृद्धि थाय; एम प्रत्येके बीजो प्रतर यादे देश शेष दश प्रतरनेविषे एज रीते वृद्धि जाणवी. एम अनेरी नरकपृथ्वीने विषे पण जावना जाणवी. ते सुखावबोधने माटे शर्करा, वालूका, पंका, धूमा अने तमप्रजा, ए पांच पृथ्वीनी
स्थापना देखी प्रीबजो अने सातमा नरके एकज प्रतर बे. ते कारणे त्यां प्रतरगत वृद्धि न होय. एके प्रतरे पांचसेंज धनुष्य उत्कृष्ट देहमान थाय. एटले सात नरकना प्रतर प्रतरने विषे नारकीनुं उत्कृष्टुं देहमान कयुं.
॥ हवे नारकीनुं उत्तरवै क्रिय देहमान कहे बे. ॥ सादावि देहो | उत्तर वेजविर्जय तहुगुणो ॥ वि जहन्नकमा ॥ अंगूल असंख संखंसो ॥ २३० ॥
विदो
अर्थ-य के० इति पूर्वोक्त प्रकारे साते नरकने विषे नारकीनो साहावियदे हो ho स्वाजाविक देह, एटले जवधारणीय शरीर कयुं. त के० ते खाजाविक शरीरश्री डुगुणो के० बमणुं उत्तरवेदि के० उत्तरवै क्रिय शरीर जाणवुं. जेम रत्नप्रजाने विषे पन्नर धनुष्य हाथ बार गुल उत्तरवै क्रिय शरीर दोय; छाने सातमा नरके एक हजार धनुष्य उत्तरवै क्रिय शरीर होय. एटले वे प्रकारे उत्कृष्टुं देहमान कयुं. हवे विदो विजहन्नकम्मा के अनुक्रमे बे प्रकारे जघन्य देहमान पण कहे बे. एक धारणीय, ने बीजो उत्तरवैक्रिय, ए बने शरीर जघन्यथकी साते नरकने विषे
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