________________
७५४ ७५७ ७७४ ७७७
gruo
अनुक्रमणिका. पांचसम्यक्त्वना स्थितिकालमानादिक तथा गुणगाणा .. .. उपशम श्रेणी तथा पकश्रेणीनुं स्वरूप...........
आठ नेदे पुजल परावर्त .... .... .... .... .... .... काय स्थितिविचार .. .. .. .. .. .. .. ..
सप्तनंगीतुं स्वरूप .... .... ..... .. .. .. ६५ षड्व्य विचार नामाग्रंथ चर्चकरूपे.
-~rpec~सिचना पन्नर नेद तेमां दिगम्बरीयोना मत खमन पूर्वक स्त्री
लिंगनी सिता बतावी .. .. .. .. .. .. .. .. अजीव इव्य विचार तेमां दिगम्बरोनी चर्चा पूर्वक पुजल _ व्यनो विचार सिह कयुंडे .. .. .. .. .. .. .. चार प्रकारना अनाव .. .. .. .. .. .. .. .. .. नय निक्षेप स्वरूप .. .. .. .. .. .. .. .. मोद प्राप्तिनुं क्रम .. .. .. .. .. आत्म प्राप्ति विधि .. .. .. .. .. सम्यक्त्वीना श्रावगुण .. .. .. .. सम्यक्त्वी सोहं बीजध्यावे तेनो अर्थ ... ..
पए
: : : : :
: : : : : : :
७६ Gog G१०
१२ G१२
१४ .१५
B
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org